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इफको द्वारा गायों में लंपी बीमारी की रोकथाम व फसलों में संतुलित खाद उपयोग को लेकर कार्यक्रम का आयोजन

 
इफको द्वारा गायों में लंपी बीमारी की रोकथाम व फसलों में संतुलित खाद उपयोग को लेकर कार्यक्रम का आयोजन
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Mhara Hariyana News: 
सिरसा
इफको द्वारा आदर्श गांव गुडियाखेड़ा की आदर्श गोशाला के प्रांगण में गायों में लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए  व फसलों में संतुलित खाद उपयोग पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पशु चिकित्सक डा. विजय सिंह बेनीवाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में लगभग 65 पशुपालकों ने भाग लिया।


पशु चिकित्सक डा. विजय सिंह बेनीवाल ने किसानों को पशुओं के लंपी वायरस से फैलने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता पर चर्चा की तथा थनैला रोग गलघोटू रोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी व बचाव के तरीके बताएं। इसके साथ-साथ पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी किसानों को जागरूक किया।


सहायक क्षेत्र प्रबंधक इफको बहादुर सिंह गोदारा ने बताया कि नैनो युरिया जो आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि की संकल्पना पर स्वदेशी रुप में विकसित किया गया है और भारत सरकार ने नैनो युरिया को खाद के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है, इसके उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति, भूमिगत जल को बड़ा फायदा तो होगा। उन्होंने बताया कि इसकी वास्तविक कीमत भी युरिया के कट्टे से कम है तथा इसका परिवहन भी बेहद आसान होगा किसानों को भी खेतों तक ले जाने में आसानी होगी।

उन्होंने बताया कि जितना काम 45 किलोग्राम का युरिया का कट्टा करता है उतना ही काम 500 मिली की शीशी वाली नैनो युरिया करेगी।

उन्होंने बताया कि पानी के साथ भूमिगत जल में मिलकर भी जल को भी कहीं न कहीं प्रदूषित करती है, क्योंकि खेतों में लगाई जाने वाली युरिया को पौधा केवल 20 से 30 प्रतिशत उपयोग कर पाता है, शेष जमीन के अंदर चली जाती है या फिर अमोनिया में परिवर्तित होकर उड़ जाती है।