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देश दुनिया को बेहतर बनाने में शिक्षक की अग्रणी भूमिका- वीसी ​​​​​​​

दुनिया को बदलने का सबसे शक्तिशाली हथियार है शिक्षा, शिक्षक के हाथों में बेहतर भविष्य की कमानः वीसी

 
देश दुनिया को बेहतर बनाने में शिक्षक की अग्रणी भूमिका- वीसी
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Mhara Hariyana News, sirsa

सिरसा 

चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस को शिक्षक पर्व के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में स्थित सेमिनार हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने कार्यक्रम में शिरकत की और विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों को नवीनतम तकनीक अपनाने के साथ-साथ विश्वभर में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे अमूलचूल परिवर्तनों के बारे में अवगत करवाया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के नए अवसर पैदा करेगी।

दुनिया को बदलने का सबसे शक्तिशाली हथियार है शिक्षा, शिक्षक के हाथों में बेहतर भविष्य की कमानः वीसी

कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापक मौजूद थे। कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि शिक्षा ही एकमात्र ऐसा हथियार है जो समाज, देश व दुनिया को बदल सकता है, दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में सबसे अग्रणी भूमिका में टीचर ही रहता है। किसी के व्यक्तित्व या भविष्य को सही मोड़ देने में गुरु की सबसे बड़ी भूमिका होती है। एक गुरु ही इंसान को जीवन का सही मार्ग चुनने की समझ देता है और इसी के जरिए सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सच्चे गुरु यश, धन आदि जैसी स्वार्थ-सिद्धि लिए शिक्षा नहीं देते। वे प्रेम और कर्तव्य वश अपना अध्यापन कार्य करते हैं। प्रो. मलिक ने कहा भारत देश की धरती ने ही दुनिया में गुरु-शिष्य के असली महत्व को साबित किया है। भारत में महान गुरुओं  के अनेक बड़े उदाहरण हैं जिनमें से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम भी शामिल हैं और उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

कुलपति ने कहा भारत देश के विकास में अध्यापक वर्ग का अपरिहार्य योगदान रहा है। आजादी के समय भारत में साक्षरता दर महज 18 प्रतिशत थी जो अब 75 फीसद से अधिक हो चुकी है और हरियाणा प्रदेश में साक्षरता दर 80 प्रतिशत से अधिक है। कार्यक्रम के अंत में कुलपति ने सेमिनार हॉल में मौजूद सभी प्राध्यापकों शुभकामनाएं देते हुए बच्चों के हित में लगातार कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय का प्रशासन हर संभव सुविधा देने का निरंतर प्रयास कर रहा है ताकि विद्यार्थियों अपनी प्रतिभा का सर्वोत्तम विकास कर सकें।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजेश कुमार बंसल, शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. सुरेश गहलावत, प्रोफेसर विक्रम , प्रो मोनिका ,प्रो अभय सिंह ,प्रो सुशील ,प्रो सुरेंदर ,सीडीएलयू एजुकेशनिस्ट वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि डॉ रोहताश सहित अनेक प्राध्यापकों ने अपने विचार रखे।