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सिंघु बॉर्डर पर 11 दिसंबर को होगा शहीदी समारोह: मोर्चा

Martyrdom ceremony will be held on December 11 at Singhu border: Morcha

 
Martyrdom ceremony will be held on December 11 at Singhu border: Morcha
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Mhara Hariyana News:
सिरसा। संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक के हरियाणा-पंजाब चैप्टर की बैठक चंडीगढ़ किसान भवन में हुई, जिसमें 30 से अधिक संगठनों ने भाग लिया। किसान नेताओं ने एक स्वर में कहा कि पिछले वर्ष दिल्ली के बोर्डरों पर आंदोलन को स्थगित करते समय केंद्र सरकार ने जो लिखित वायदे किये थे, वो सभी अधूरे हैं।

न तो एमएसपी गारंटी कानून बनाया गया न आंदोलन के केस खत्म किये गए, न लखीमपुर के शहीद किसान परिवारों को न्याय मिला।

मीटिंग में तय किया गया कि आगामी राष्ट्रीय आंदोलन के मुद्दों में किसानों की कर्जमुक्ति और स्वामीनाथन आयोग के सी-2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी के मुद्दों को भी जोड़ा जाएगा। किसान नेताओं ने देह शामलात व जुमला मालकान की जमीनों व भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के मुद्दों पर चर्चा की एवम सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया कि आने वाले समय में हरियाणा-पंजाब के किसान इन मुद्दों पर साझा आंदोलन लड़ेंगे।

आज मीटिंग में तय किया गया कि आगामी 11 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर 1 दिवसीय शहीदी समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हरियाणा-पंजाब के हजारों किसान शामिल होंगे एवं

किसान आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और आगामी देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। इस समारोह में शहीद किसानों के परिवारों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
समारोह में एमएसपी गारंटी कानून बनाने एवं स्वामीनाथन आयोग के सी-2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार फसलों का एमएसपी तय करने, लखीमपुर के शहीद एवं घायल किसानों को न्याय दिलाने, जेल में बंद किसानों को रिहा करने और गृह-राज्यमंत्री अजय टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की योजना पर विचार किया जाएगा।

इसके साथ-साथ किसान आंदोलन में दर्ज किए गए रेलवे सहित सभी मुकदमे रद्द करने, किसान आंदोलन में सहयोग करने वाले एनआरआई भाइयों पर लगी पाबंदियां हटवाने और चंडीगढ़ सहित सभी केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज मुकदमे भी रद्द करने पर रणनीति बनाई जाएगी।

देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त करने, दिल्ली बोर्डरों पर आंदोलन को स्थगित करते समय केंद्र सरकार ने वायदा किया था कि पराली जलाने पर किसानों के ऊपर कोई कारवाई नहीं की जाएगी, लेकिन सरकार इस वायदे से मुकर रही है।

उनकी मांग है कि सरकार अपना वायदा पूरा करे और किसानों पर कार्रवाई व जुर्माना लगाना बन्द करे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमत कम होने के बावजूद देश में कीमतें नहीं घटाई जा रही हैं और सरकार व कंपनियां मिलकर किसानों को लूट रही हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मीटिंग की अध्यक्षता लखविंदर सिंह सिरसा ने की और मुख्य तौर पर जगजीत सिंह दल्लेवाल, गुरिंदर सिंह भंगू, गुरसाब सिंह चाटीविंड, सेवा सिंह आर्य, गुरदास सिंह, अभिमन्यु कोहाड़, जसवंत सिंह पठानकोट, सुखदेव सिंह कोटली कलां, आत्माराम झोरड़, बलजीत सिंह, सुखदेव सिंह, भोजराज आदि मौजूद रहे।