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नामीबिया से आयातित चीतों को वापस भेजने के लिए उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन ​​​​​​​

नामीबिया से आयातित चीतों को मध्य प्रदेश के कूनों के जंगलों में छोड़ा गया है, जो अन्य निरीह जीवों का शिकार करेंगे
 
नामीबिया से आयातित चीतों को वापस भेजने के लिए उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
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Mhara Hariyana News, Sirsa

सिरसा। नामीबिया से आयातित चीतों को वापिस भेजने बाबत ग्रीन एनर्जी कंैपेन के चेयरमैन ज्योति प्रकाश गुप्ता ने जिला उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ज्योति प्रकाश गुप्ता ने बताया कि किसी भी देश के लिए पर्यावरण के संतुलन एवं सरंक्षण हेतु वन्य जीवों तथा पेड़-पौधों यानि फ्लोरा तथा फौना का सुरक्षित होना अति महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य है, जबकि विशेषकर आजकल की परिस्थिति में निरंतर बढ़ती वैश्विक उष्णता, जलवायु परिवर्तन हमारे ग्रह पृथ्वी पर मंडराते खतरों के परिप्रेक्ष्य है।।

जब हमारी धरतीमाता सुरक्षित रहेगी, तभी हम सुरक्षित रह पाएंगे। गुप्ता ने बताया कि अभी हाल ही में नामीबिया से आयातित चीतों को मध्य प्रदेश के कूनों के जंगलों में छोड़ा गया है, जो अन्य निरीह जीवों का शिकार करेंगे। जिसके कारण वन्य जीवों की सुरक्षा एपं सह-अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने बताया कि देश कर 95 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या हिंदु विचारधारा की है,  जो अहिंसा परमोधर्म तथा जीओ और जीने दो में आस्था रखती है। इसके बावजूद इन आक्रामक आयातित चीतों को पितृपक्ष में विचरण हेतू छोड़ा गया है, जिससे घास व वनस्पति पर आश्रित जीवों की प्रजाति पर विलुप्त प्राय: होने का खतरा मंडराने लग जाएगा, जिससे पर्यावरण असंतुलित होगा।

गुप्ता ने बताया कि विगत में ऐसे मामले सामने आए हंै कि शिकार के अभाव में तेंदूए जंगल से गांव की ओर रूख कर आक्रमक हुए है, जिससे जानी नुकसान भी हुआ है, तदुपरांत गांव के आदिवासियों ने रात-रात भर पहरा देकर और आग जलाकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित की। क्योंकि जलती आग की रोशनी से तेंदूआ प्रजाति भयभीत होती है। गुप्ता ने बताया कि विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, समुदाय जिनमें सनातन, हिंदु, आर्य समाज, देव समाज, वैदिक समाज, जीव एवं वृक्ष की रक्षा के लिए प्रसिद्ध बिश्नोई समाज , अहिंसा के पक्षधर जैन समाज, जीओ और जीने दो के प्रणेता बौद्ध समाज, नामधारी सिख समाज, साधुसंत समाज, सच्चा सौदा डेरा, अग्रवाल वैश्य समाज, वैश्नव समाज, नाथ समाज, सुथार समाज, प्रजापत समाज, विप्र बंधु ब्राह्मण, रविदास समाज, वाल्मीकि समाज, खत्री अरोड़ा समाज, कबीर पंथी, बाजीगर समाज, धोबी समाज से इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। सभी ने एक स्वर में कहा कि नामीबिया से आयातित चीतों को तुरंत प्रभाव से वापस भेजना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की कि तुरंत प्रभाव से इन चीतों को वापस नामीबिया भेजा जाए, जिससे की देश में पर्यावरण का संतुलन बना रहे।