कब मनाया जाता है दशहरा, इनके दर्शन करने से नहीं आती जीवन में बाधा

Mhara Hariyana News: ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि दशमी तिथि और श्रवण नक्षत्र के संयोग पर ही विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। धर्म सिंधु के अनुसार, श्रवण नक्षत्र युक्त अपरान्हकाल व्यापिनी दशमी तिथि होने पर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार बुधवार को श्रवण नक्षत्र रात 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इसी दिन दशहरा पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना शुभ माना गया है, इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से जीवन में कोई बाधा नहीं आती है।
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शमी पूजन का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री ने बताया कि बुधादित्य योग भी बन रहा है, इस दिन विजय मुहूर्त में नए वाहन, जमीन, आभूषण आदि खरीदना शुभ रहेगा। नया काम भी शुरू करना श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन शमी पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। शमी पूजन यानी खेजड़े की पूजा करने से शनि महाराज प्रसन्न होते है।