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अहेरी समाज मेरा अपना समाज है: दीपेंद्र हुड्डा

बतौर मुख्यातिथि कार्यक्रम में की शिरकत, 11 लाख रुपए धर्मशाला के लिए देने की घोषणा
 
 
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Mhara Hariyana News, Sirsa, सिरसा। अहेरी समाज का सातवां संवैधानिक अधिकार दिवस गांव डूल्ट में धूमधाम से मनाया गया। राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम में पहुंचने पर अहेरी समाज के लोगों ने फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। सांसद दीपेन्द्र सिंह ने अहेरी समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सन 2005 से 2014 तक अहेरी समाज को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करवाने के लिए लगातार केन्द्रीय सरकार से पत्राचार किया व केन्द्र की मांग पर पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के शास्त्र विभाग से एथनोग्राफिक स्टडी करवाकर प्रस्ताव 28 जुलाई 2014 को सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालयए भारत सरकार नई दिल्ली को भेजा। 14 अगस्त 2014 को महा रजिस्ट्रार जनरल, जनगणना आयुका भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा।

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सचिव सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्रालय ने महा रजिस्ट्रार जनरल जनगणना आयुक्त भारत सरकार नई दिल्ली ने 26 दिसंबर 2014 को गृह मंत्रालय ने केवल अहेरी, मोरी जाति जोधपुर और बिकानेर राजपुताना से बहिष्कृत जाति काम की तलाश में पंजाब दक्षिण व पूर्व वर्तमान में हरियाणा प्रदेश में आकर बसी, जो कि वैगरेन्ट किस्म की भी वंशानुगत शिकारी जाति को हरियाणा राज्य की अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उन्होंने सांसद निधि कोष से 11 लाख रुपए अहेरी समाज की धर्मशाला भूना को देने की भी घोषणा की।

दीपेन्द सिंह हुड्डा ने अहेरी समाज के मंच पर कहा कि मेरा समाज के लोगों से दिली लगाव है और मैं इसे अपना ही समाज मानता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि हरिओम नायक ने अहेरी समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलवाने का जो काम किया, वह काबिले तारिफ है। अहेरी समाज के संवैधानिक अधिकार दिवस की अध्यक्षता हरिओम नामक ने की हरिओम नायक ने कहा कि उन्होंने अहेरी समाज को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करवाने के लिए 30 साल लगातार प्रयास किया। अहेरी समाज के मौजिज लोगों ने समाज की ओर से हरिओम नायक को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री परमबीर सिंह, पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह गिला खेड़ा, रामनिवास घोडेला, प्रो. राम मगरा व नरेश सेलवाल, कृष्ण नांगली, पूर्व चेयरमैन जिला परिषद मंहत मोले नाथ धातूल पहुंचे।