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international women's day : ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक बुराइयों को दूर करने में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं सिरसा की महिला अधिकारी

डॉ अंजना डूडी, डॉ मोनिका चौधरी,इंस्पेक्टर सीमा व इंस्पेक्टर मंजू बनी युवा वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत
 
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Mhara Hariyana News, Sirsa, सिरसा। महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सबसे पहले 1909 में मनाया गया था। भारतीय महिलाओं का डंका देश ही नहीं विदेशों में भी बजा है और आज जल हो या थल या फिर नभ, हर जगह महिलाएं अपनी काबिलियत के बल नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। सिरसा में भी महिलाओं ने अपनी मेहनत व लगन के बलबूते अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवाया है।

महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत डॉ. अंजना डूडी

सिरसा निवासी डॉ. अंजना डूडी जिला की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। डॉ अंजना डूडी जिला बाल संरक्षण अधिकारी हैं और पिछले 12 वर्षों से जिला बाल संरक्षण विभाग में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने बेसहारा व अनाथ बच्चों के संरक्षण हेतु बहुत अच्छा काम किया है। अंजना शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर महिलाओं व बच्चों को जागरूक करती रहती हैं। उनके प्रयासों से जिला में बाल शोषण काफी हद तक कम हो पाया है। डॉ अंजना बाल सुरक्षा को लक्ष्य बनाकर विभाग में चयनित हुई। अगर किसी बच्चे के साथ शोषण होता है तो डॉ अंजना डूडी बच्चे को न्याय दिलाने दिलाकर उसके हितों की रक्षा करती हैं। उन्हें बेहतरीन कार्य के लिए समाजसेवा संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। अगर किसी बच्चे के साथ शोषण होता दिखे तो चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर कॉल करें।डॉ अंजना डूडी का कहना है कि बच्चे अनमोल रत्न हैं, इनकी सुरक्षा का हमेशा यत्न करना चाहिए।

 

सामाजिक बुराईयों और कुरीतियों को हटाने में जुटी हैं डॉ. मोनिका

लीगल प्रोबेशन ऑफिसर डॉ मोनिका चौधरी बच्चों के कल्याण की दिशा में पिछले 13 वर्षों से उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। वे छात्राओं व महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। डॉ. मोनिका चौधरी स्कूलों और स्लम बस्तियों में बच्चों को पोस्को एक्ट के प्रति जागरूक करती रहती हैं। श्रीमती चौधरी को उनके बेहतरीन कार्यों के लिए संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। मोनिका अक्सर जागरूकता शिविरों में कहती हैं कि समाज में बच्चों को यौन हिंसा के प्रति चुप रहने को कहा जाता है। इस बात को परिवार की इज्जत से जोड़ दिया जाता है। इस वजह से ज्यादातर मामले उजागर नहीं हो पाते। इसलिए बच्चों व उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए लगातार जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते हैं। डॉ. मोनिका चौधरी ने समाज की बुराइयों और कुरीतियों को हटाने में अपनी पहचान बनाईं।

 

नशे के खिलाफ लोगों में जागरूकता ला रही हैं इंस्पेक्टर सीमा

महिला थाना डबवाली प्रभारी इंस्पेक्टर सीमा सोढ़ी ने भी समाज में एक अलग ही पहचान बनाई है। इंस्पेक्टर सीमा सोढ़ी गांव-गांव जाकर नशा मुक्ति अभियान के संबंध में ग्रामीणों को जागरूक कर रही हैं। सिरसा को नशा मुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। इंस्पेक्टर सीमा सोढ़ी काफी समय से सिरसा जिला में तैनात हैं। उनके द्वारा महिलाओं की सुरक्षा हेतु काफी अभियान भी चलाए गए। इसलिए उनकी पहचान समाज और विभाग में बेहद काबिल महिला पुलिस ऑफिसर की बन चुकी है। इस समय सिरसा जिला नशे की मार झेल रहा है और इसलिए पुलिस अधीक्षक डॉ अर्पित जैन ने नशा मुक्ति अभियान चलाया हुआ है। इस अभियान को इंस्पेक्टर सीमा सोढ़ी सार्थक बनाने में जी जान से जुटी हैं। उनका कहना है कि हमारी युवा पीढ़ी जितनी जागरूक होगी उतना ही स्वयं को इस नशे के जंजाल में फंसने से बचा पाएगी। इंस्पेक्टर सीमा सोढ़ी कार्यशैली युवा पीढ़ी की लिए प्रेरणास्त्रोत है। 

ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक दायित्व को बखूबी निभा रही हैं इंस्पेक्टर मंजू

ड्यूटी के साथ-साथ समाजसेवी कार्यों में चढ़ चढ़कर भाग लेना जिला पुलिस की काबिल महिला ऑफिसर इंस्पेक्टर मंजू को प्रेरणा स्त्रोत बनाता है। इंस्पेक्टर मंजू महिला थाना सिरसा की इंचार्ज हैं। ड्यूटी का कर्तव्य निभाने के अलावा वे अपने सामाजिक दायित्व को भी बखूबी निभा रही हैं। जरूरतमंदों की सहायता  करने में वे हमेशा तत्पर रहती हैं। इंस्पेक्टर मंजू शहर के शिक्षण संस्थानों में जाकर छात्राओं को जागरूक करती रहती हैं। ताकि उनके अंदर हमेशा सुरक्षा का भाव पैदा रहे और वे साइबर अपराधों से सुरक्षित रहें। नशे के खिलाफ जारी अभियान में इंस्पेक्टर मंजू अपना पूरा योगदान दे रही हैं। इंस्पेक्टर मंजू का कहना है कि नशा युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है। इसलिए युवाओं को नशे के प्रभाव से बचाना बहुत जरूरी है। एसपी डॉ अर्पित जैन द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को सार्थक बनाने में हर ऑफिसर जी जान से जुटा है।