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Big Breaking: हरियाणा को नई रेलवे लाइन की सौगात, 3 करोड़ 19 लाख की ग्रांट जारी

 
Big Breaking: हरियाणा को नई रेलवे लाइन की सौगात, 3 करोड़ 19 लाख की ग्रांट जारी

नई दिल्ली: साउथ हरियाणा इकनॉमिक रेल कॉरिडोर (फर्रुखनगर से लोहारू वाया झज्जर, चरखी दादरी और बाढ़डा के रास्ते) के सर्वे को रेल मंत्रालय ने मंजूरी दी है, साथ ही सर्वे पर खर्च होने वाले बजट को भी जारी कर दिया है। 

गढ़ी हरसरू से झज्जर तक दोहरी रेलवे लाइन पर करीब 1225 करोड़ की लागत आएगी। हरियाणा सरकार की ओर से इसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जोकि साउथ हरियाणा इकनॉमिक रेल कॉरिडोर (गढ़ी हरसरू-फर्रुखनगर- झज्जर -चरखी दादरी- लोहारू) का ही हिस्सा है। 

मंत्रालय द्वारा सर्वे को मंजूरी दिए जाने पर सांसद अरविंद शर्मा ने रेलमंत्री से मिलकर आभार जताया और कहा कि इस कॉरिडोर के निर्माण से हरियाणा व दिल्ली सीधे तौर पर गुजरात की चार बंदरगाहों (कांडला, मुंद्रा, नवलखी और जखाऊ) से जोड़ेगा, जोकि प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।


सांसद ने बताया कि रेलवे मंत्रालय ने गढ़ी हरसरू से लोहारू तक(वाया सुल्तानपुर फर्रुखनगर, झज्जर, चरखी दादरी और बाढड़ा होते) हुए दोहरी रेलवे लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए तीन करोड़ 19 लाख का करीब बजट मंजूर किया गया है। 

सर्वे अत्याधुनिक लेडार तकनीक से करवाया जाएगा। इसकी लंबाई तकरीबन 129 किलोमीटर की होगी और इस रेलवे कॉरिडोर की स्पीड लिमिट 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।

बहादुरगढ़, सोनीपत, गुरुग्राम और दिल्ली, फरीदाबाद और पलवल को भी जोड़ेगा

इसके अलावा ये रेलवे कॉरिडोर झज्जर को सीधे तौर पर बहादुरगढ़, सोनीपत, गुरुग्राम और दिल्ली, फरीदाबाद और पलवल को ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ेगा। साथ ही कोसली को भी इस रेल कॉरिडोर से जोड़ने के लिए कनेक्टिविटी का प्रावधान करवाया जाएगा।


रेलवे कॉरिडोर के तहत छह स्टेशन (दादरी तोए, झज्जर, एमपी माजरा, छुछकवास, मातनहेल और बिरोहड़-खाचरोली ) झज्जर जिले में प्रस्तावित हैं। सांसद ने बताया कि झज्जर के रास्ते दिल्ली से राजस्थान और गुजरात की ओर जाने वाली ट्रेनों को शॉर्टकट मिलेगा।

झज्जर के रास्ते दिल्ली से भिवानी, दिल्ली से सीकर और झुंझुनू, दिल्ली से बीकानेर और जैसलमेर, दिल्ली से जोधपुर और बाड़मेर, दिल्ली से गोगामेड़ी, हनुमानगढ़ और श्री गंगानगर, साथ ही दिल्ली से गांधीधाम, भुज और द्वारका की ओर जाने वाली ट्रेनों को छोटा रास्ता मिलेगा।