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किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में 26 जनवरी को निकाला जाएगा कैंडल मार्च: औलख

 
किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की याद में 26 जनवरी को निकाला जाएगा कैंडल मार्च: औलख

सिरसा। सरकार द्वारा की गई वायदाखिलाफी के विरोध में एक बार फिर देश का किसान दिल्ली की ओर 13 फरवरी 2024 को कूच करेगा। आंदोलन को लेकर टीम बीकेई की अध्यक्षता में एक मीटिंग गुरुद्वारा दसवीं पातशाही में आयोजित की गई। बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने मीटिंग में उपस्थित सभी किसानों से आह्वान किया कि सभी किसान साथियों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों सहित दिल्ली आंदोलन के लिए कूच करना है। इसके अलावा एसकेएम गैर राजनीतिक के आह्वान पर किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान नवरीत सिंह सहित सभी शहीद किसानों की याद में 26 जनवरी को कैंडल मार्च निकाला जाएगा। 13 फरवरी दिल्ली कूच को कामयाब बनाने के लिए हरियाणा में कई जगह प्रोग्राम किया जा रहे हैं। फतेहाबाद में 21 जनवरी से किसान यात्रा शुरू की जा रही है, जबकि नारनौंद में 3 फरवरी को महापंचायत की जाएगी। इस मौके पर बलकोर सिंह फग्गू, विपन माधोसिंघाना, सुरिंदर नीलियावाली, अंग्रेज सिंह कोटली, नरेंद्र उमेदपुरा, प्रकाश ममेरां, भगवंत सिंह झोरडऱोही, नवदीप सलारपुर, बलवंत सिंह रोहिड़ांवाली, अरविंद रायपुरिया, गुरजीत फूलकां, राकेश खारिया, हनुमान सुल्तानपुरिया, अमरीक सिंह मोरीवाला सहित अन्य किसान उपस्थित थे।


ये है किसान आंदोलन की मुख्य मांगें:
स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस फॉर्मूले के अनुसार किसानों की फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए। देश के किसान-मजदूरों का सम्पूर्ण कर्ज माफ  किया जाए। नरमे की फसल को बचाने के लिए बीटी बीज में सुधार किया जाए, नहीं तो कॉटन वाला किसान बर्बाद हो जाएगा। 2015 में मॉडल एक्ट के माध्यम से 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो बदलाव वापस लिए जाएं और नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत हो रही किसानों की जमीन की लूट बन्द की जाए। लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषी गृह-राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और उसके बेटे को गिरफ्तार किया जाए और घायल किसानों को मुआवजा दिया जाए। भारत सरकार मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाए और भारत सरकार डब्ल्यूटीओ से बाहर आये। किसान आंदोलन की बची हुई मांगें पूरी की जाएं और बिजली संशोधन बिल वापस लिया जाए।