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जनसंवाद कार्यक्रम में नहीं सुनी गई आमजन व किसानों की बात: लखविंद्र सिंह

Common people and farmers were not heard in the public dialogue program: Lakhwinder Singh
 
जनसंवाद कार्यक्रम में नहीं सुनी गई आमजन व किसानों की बात: लखविंद्र सिंह
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Mhara Hariyana News, Sirsa

सिरसा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने जनसंवाद कार्यक्रम के जरिए अपने ही कार्यकर्ताओं को माइक से बुलवाकर यहां जनता को लुभाने का प्रयास कर रहे थे। वहीं गलती से माइक कुछ ऐसे लोगों के हाथ आ गया, जिन्होंने उनके सामने ही प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड होने पर भी अपने पैसे पर इलाज करवाने सहित सरकार के अन्य कई झूठे दावों की पोल खोल दी, जिसे सीएम को यह कहकर टालना पड़ा की यह सिर्फ  सिरसा में देखने को मिला है। बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि शनिवार को जिले में हुए जनसंवाद के हर कार्यक्रम में उनकी टीम के सदस्य क्षेत्र के किसानों और आमजन की सांझी क्षेत्रीय समस्याएं लेकर पंडाल में आम जन की तरह बैठे हुए थे। परंतु उनके बार-बार आग्रह के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। सीएम पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए लखविंद्र सिंह ने बताया कि सीएम के साथ आए अधिकारियों द्वारा सभी लोगों की लिखित मांगों और शिकायतों को इकट्ठा करके उनमें से या तो उन लोगों को बोलने के लिए माइक दिया गया जो बीजेपी कार्यकर्ताओं के पहचान के थे या जिनकी बहुत ही सामान्य ब्लॉक लेवल की मांगें थीं। कुछ गिने चुने लोगों के अलावा किसान, मजदूर, आमजन की बड़ी और क्षेत्रीय मांगों को पूरी तरह नजर अंदाज किया गया।औलख ने बताया कि सीएम के बड़ागुढ़ा के जनसंवाद कार्यक्रम में उनके मीडिया प्रभारी गुरलाल भंगू अपने साथियों के साथ पंडाल में क्षेत्र के आमजन किसानों की समस्याएं लेकर पहुंचे थे। दो-तीन बार खड़े होने पर भी उनसे किसानों की समस्याओं और मांगों को नहीं सुना गया। इसके अलावा खैरेकां में भीम सिंह खाईशेरगढ़ अपने कई साथियों के साथ पहुंचे थे और कालांवाली में चकेरियां, दादू तिलोकेवाला और फग्गू से भी काफी किसान सुनवाई न होने पर हताश होकर घरों को लौटे। उन्होंने बताया कि प्रोग्राम के अन्त तक इंतजार करने के बाद गुरलाल का स्वर टूट गया और उन्होंने मियां मिट्ठू मुख्यमंत्री के सामने ही उनपर भेदभाव का आरोप लगाते हुए जनसंवाद को फ्लॉप करार देते हुए मीडिया और जनता के सामने सीएम का विरोध शुरू कर दिया। जनसंवाद को ड्रामा करार देते हुए लखविंद्र सिंह ने कहा कि यदि जनता की सुनवाई नहीं करनी थी तो ऐसे प्रोग्राम का जनता को क्या फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि लिखित में तो डीसी के माध्यम से भी हम अपनी समस्याएं सरकार तक भेजते रहते हैं। परंतु जब तक खुले मंच पर मीडिया के सामने कोई मुद्दा नहीं उठता तो ये जनता का क्या काम करेंगे, जबकि पिछली बार औढ़ां रैली की मुख्यमंत्री की घोषणाएं भी सिर्फ  अखबारों की सुर्खियां बनकर रह गई। जिनमें से मुख्यत: ओटू झील की खुदाई करवाने की सीएम की घोषणा के बाद भी झील में से एक टप्पा मिट्टी भी नहीं उठाई गई। बीकेई अध्यक्ष ने कहा कि जनता को अब बीजेपी का ढोंग समझ में आ चुका है, जिसकी कर्नाटक से तो शुरुआत हुई है। अब पूरे देश में बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।