आहार से स्वस्थ व निरोग रह सकता है मनुष्य: रघुबीर महाराज
Mhara Hariyana News, Sirsa
सिरसा। अखिल भारतीय श्री राम मुलख दयाल योग प्रचार समिति के प्रधान योगाचार्य व पदैन संचालक योग गुरु रघुबीर महाराज ने मासांत सत्संग के मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं को दिव्य योग साधना मंदिर कोटली में फरमाया कि आहार औषधि है, अन्न औषधि है। मनुष्य अपने आपको आहार रूपी औषधि से स्वस्थ व निरोग रख सकता है। मनुष्य भोजन खाने से पहले यह अवश्य सोचें जो भोजन वह खाने जा रहा है, यह निरोगता की दृष्टि से ठीक है या नहीं। यदि भोजन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ठीक है तो उसे खाना चाहिए, अन्यथा नहीं खाना चाहिए। उन्होंने बताया कि योग मत के अनुसार मनुष्य को दो हिस्से पेट को भोजन से भर लेना चाहिए। एक हिस्सा पानी से तथा एक हिस्सा सांस लेने के लिए छोड़ देना चाहिए। लेकिन मनुष्य जिह्वा की चंचलता के कारण तथा भोजन के स्वादिष्ट होने के कारण पेट के चारों हिस्से भोजन से भर लेता है और उपर से पानी पी लेता है। ऐसे मनुष्य को मोटापा, पेट में तनाव, गैस आदि आना स्वाभाविक है। उसे अपनी गलती का दंड भुगतना ही पड़ेगा। एक दृष्टांत देता हूं, एक व्यक्ति शादी पर जाता है, जी भर कर हर प्रकार का भोजन करता है। अत्यधिक भोजन से वह बीमार हो जाता है।
घर जाकर अपनी पत्नी से कहता है कि मैं मरूंगा, मेरे से जो कुछ पूछना है पूछ लो। सुबह वह मेरे पास आता है, वह सारी बात मुझे बताता है, मैंने उसे कहा आज मत खाओ, आप ठीक हो जाओगे। आहार पर नियंत्रण करने से वह ठीक हो जाएगा। रघुबीर महाराज ने आगे फरमाया कि जापान की महान पुस्तक इमिगाई में कहा है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पेट को 80 प्रतिशत भोजन से भर लो और 20 प्रतिशत खाली छोड़ दो। ऐसा करने से आप सदैव स्वस्थ रहेंगे। एक कहावत भी है कि कम और गम खाने वाले स्वस्थ रहते हंै। अंत में रघुबीर महाराज ने कहा कि सुपाच्य भोजन खाएं, जीवन को स्वस्थ बनाएं। इस मौके पर पृथ्वी सिंह बैनीवाल, मास्टर हनीष सुचान, सुरजीत आदमपुर, हरीसिंह एडवोकेट, बृजमोहन, विजय मेहता, राम सकल यादव, राज चावला, सुशीला आदमपुर, फूलरानी, पूनम आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।