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मेवात कैडर की इकलौती दिव्यांग अध्यापिका को आरक्षण का लाभ नहीं दे पाया शिक्षा विभाग: झोरड़

 
मेवात कैडर की इकलौती दिव्यांग अध्यापिका को आरक्षण का लाभ नहीं दे पाया शिक्षा विभाग: झोरड़

सिरसा। स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा 1 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद मेवात कैडर की इकलौती दिव्यांग हिंदी अध्यापिका को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ प्रदान कर पीजीटी हिंदी के पद पर पदोन्नति नहीं कर पाया है। दिव्यांगजन कल्याणार्थ समर्पित संगठन विकलांग संघ उमंग सिरसा हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष बंसीलाल झोरड़ ने बताया कि मुख्य सचिव हरियाणा ने 17 अप्रैल 2017 को एक पत्र जारी कर प्रदेश के तमाम विभाग अध्यक्षों को सभी सेवा समूह में दिव्यांगजन को 1996 से पदोन्नति में आरक्षण का लाभ प्रदान करने के आदेश जारी किए थे, जिसकी निरंतरता में हरियाणा सरकार ने 25 मार्च 2022 को दिव्यांगजन के लिए पदोन्नति में आरक्षण की नीति भी अधिसूचित कर दी, जिसे 11 जुलाई 2023 को  संशोधित भी कर दिया गया है। इसके बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग मेवात कैडर की इकलौती दिव्यांग हिंदी अध्यापिका को आरक्षण का लाभ प्रदान करते हुए पीजीटी हिंदी के पद पर पदोन्नति नहीं कर पाया है, जोकि हरियाणा सरकार के आदेशों की सीधी-सीधी अवहेलना है व दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की आत्मा के पूर्ण रूप से प्रतिकूल है।

झोरड़ ने बताया कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 में प्रदत्त प्रावधानों के तहत दिव्यांगजन के अधिकारों को सुरक्षित करने के दृष्टिगत हरियाणा सरकार द्वारा नियुक्त किए गए आयुक्त एसामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा के न्यायाल्य द्वारा विभाग को इस बाबत में स्पष्ट रूप से दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं कि दिव्यांगजन के मामले में विभागिय नियमों की आड़ नहीं ली जा सकती व दिव्यांगजन को 1996 से 3 प्रतिशत आरक्षण का लाभ प्रदान करते हुए बनती पदोन्नतियां प्रदान की जानी है व उन पर वास्तविक कार्य अनुभव की शर्त को बाध्यकारी नहीं किया जा सकता।

इसके बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग के पीजीटी वन ब्रांच के कर्मचारी उक्त अध्यापिका को स्कूल शिक्षा नियम 2012 के तहत 2 वर्ष के हिंदी अध्यापिका के पद पर वास्तविक कार्य अनुभव की शर्त की आड़ लेकर पदोन्नति नहीं दे रहे हैं, जबकि उक्त अध्यापिका को 8 जुलाई 2022 को पिछली तिथि से जेबीटी से हिंदी अध्यापिका के पद पर 01-01-2011 से पदोन्नति में आरक्षण के तहत पदोन्नति मिली है, जिसके आधार पर उक्त अध्यापिका 1 जनवरी 2011 से 1 जनवरी 2013 तक 2 वर्ष का कार्य अनुभव नोशनल पदोन्नति तिथि से पूरा करते हुए 1 जनवरी 2013 से दिव्यांग कोटे के तहत पीजीटी हिंदी के पद पर पदोन्नति हेतु पात्र है, लेकिन इसके बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा की सम्बन्धित शाखा के कर्मचारी उच्च अधिकारियों को बार-बार गुमराह कर रहे हैं और स्कूल शिक्षा नियम 2012 की आड़ लेकर पदोन्नति आदेश जारी नहीं कर रहे हैं व तर्क दे रहे हैं कि उक्त अध्यापिका की हिंदी अध्यापिका के पद पर 8 जुलाई 2022 को पदोन्नति हुई है।

ऐसे में उक्त अध्यापिका का 8 जुलाई 2024 को ही पीजीटी हिंदी के पद पर पदोन्नति हेतु पात्र बनती है, जबकि हरियाणा सरकार के तमाम विभागों ने दिव्यांगजन को पिछली तिथि से बनती पदोन्नतियां प्रदान करते हुए नोशनल पदोन्नति की तिथि से ही अगली पदोन्नति हेतु कार्य अनुभव के समय अवधि को गणना के तौर पर स्वीकार किया है। ऐसे में अकेले शिक्षा विभाग द्वारा माननीय मुख्य सचिव के आदेशों की अवहेलना करते हुए वास्तविक कार्य अनुभव की शर्त को लागू कर दिव्यांगजन को पदोन्नति में आरक्षण के लाभ से वंचित करके प्रताडि़त किया जा रहा है, जोकि दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की अवहेलना है। झोरड़ ने कहा कि वे मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार, शिक्षा मंत्री, हरियाणा सरकार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा से मांग करते हैं कि मेवात कैडर की  इकलौती दिव्यांग अध्यापिका को तुरंत पीजीटी हिंदी के पद पर पदोन्नति प्रदान करवाते हुए मामले को जानबूझकर लंबित कर हरियाणा सरकार की खिल्ली उड़वाने वाले दोषी कर्मचारियों के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई करें, ताकि दिव्यांगजन को प्रताडऩा का सामना न करना पड़े। इस अवसर पर झोरड़ के साथ प्रदेश सचिव नवीन शर्मा, संदीप रूंडला, सुरेश, राजेश, तेजवीर, अवतार सिंह, विजय विशेष रूप से उपस्थित थे।