कॉटन की गुणवत्त्ता व साफ-सुथरी चुगाई पर ध्यान दें किसान: डा. अमरप्रीत
Mhara Hariyana News, Sirsa
सिरसा। केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान मुंबई की ओर से गांव चाडीवाल में किसानों के लिए जागरूकता कम प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक मुंबई डा. वी जे अरूडे कपास के भंडारण के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वाहन में कपास भरने से पहले उसे ठीक से साफ करें। परिवहन से पहले चुनी हुई कपास को सूती कपड़े की थैलियों में भरें। वाहन में कपास भरते समय अपरिपक्व और क्षतिग्रस्त बोंडी को अलग कर दो। जब भी सूती कपड़े के थैले उपलब्ध न हों तो वाहन में रखे रुई को चारों तरफ से सूती कपड़े या कैनवास से ढक दें। खेत से किसान के घर तक कपास ले जाते समय विभिन्न किस्म के कपास को अलग रखें। कपास भंडारण का स्थान साफ और सूखा रखें। मजदूरों को कपास पर आराम न करने दें और कपास के ढेर के पास बालों में कंघी करने की अनुमति न दें क्योंकि उनके सिर से बाल गिरने से कपास दूषित होता है। वाहन में कोई अन्य सामग्री (चाराए उर्वरक, रेत, ईंटें आदि) न रखें जो कपास को दूषित कर सकते हैं। गीले कपास को बंद कमरे या गोदाम में न रखें, क्योंकि इससे रोगाणु विकसित हो सकते हैं, जिससे रेशे और उसका रंग खराब हो सकता है। कपास भरने के लिए सफेद पॉली प्रोपलीन-प्लास्टिक बैग या उर्वरक के लिए उपयोग की जाने वाली थैलियों का उपयोग न करें। संस्थान की सिरसा इकाई के अध्यक्ष डा. हामिद हसन ने किसानों को गुणवत्त्तापूर्वक व साफ-सुथरी और कचरा रहित कपास उत्पादन के लिए जरूरी सलाह दी। उन्होंने किसानों को साफ-सुथरी चुगाई करने के लिए भी विशेष जानकारी दी। इसके साथ-साथ कपास की गुणवत्त्ता बनाए रखने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे। इस अवसर पर डा. अमरप्रीत सिंह, सीनियर साइंटिस्ट सीआईसीआर सिरसा ने किसानों को गुलाबी सूंडी के प्रकोप से बचाव के बारे में जानकारी दी।