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सरकार की वायदाखिलाफी के विरोध में किसान फिर करेंगे दिल्ली की ओर कूच

गांव खारिया में हुई मीटिंग, 15 जनवरी को होगी गुरुद्वारा दसवीं पातशाही में बीकेई की मीटिंग
 
 
सरकार की वायदाखिलाफी के विरोध में किसान फिर करेंगे दिल्ली की ओर कूच

सिरसा। सरकार द्वारा की गई वायदाखिलाफी के विरोध में एक बार फिर देश का किसान दिल्ली की ओर 13 फरवरी 2024 को कूच करेगा। सुनील कुमार खारिया ने बताया कि इसी कड़ी में 15 जनवरी को सूरतगढिय़ा बाजार स्थित गुरुद्वारा दसवीं पातशाही में टीम बीकेई की मीटिंग रखी गई है। वहीं रविवार को गांव खारिया के सरपंच तेग बहादुर पूनिया की अध्यक्षता में गांव खारिया में किसानों की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में खारिया के सभी किसान साथियों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों सहित दिल्ली आंदोलन में जाने का निर्णय लिया। इसके अलावा एक और मीटिंग की जाएगी, जिसमें जिसमें गांव के सरपंच और पूर्व सरपंच, ब्लॉक समिति के सभी मेंबर और पैक्स के मेंबर, जिला परिषद के मेंबर और पंचायत के मेंबरों की मौजूदगी में एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस मौके पर सुभाष पूनियां, सुभाष न्यौल, भीम न्यौल, सुनीन नैन, कमल नैन, इंद्रपाल नैन, दलीप सहारण, राकेश भांभू, हरपाल पूनियां, मुखराम भादू, सुभाष बांदर, विनोद बांदर, महिंद पेंसियां सहित अन्य किसान उपस्थित थे।
 

ये है किसान आंदोलन की मुख्य मांगें:
स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस फॉर्मूले के अनुसार किसानों की फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए। देश के किसान-मजदूरों का सम्पूर्ण कर्ज माफ  किया जाए। नरमे की फसल को बचाने के लिए बीटी बीज में सुधार किया जाए, नहीं तो कॉटन वाला किसान बर्बाद हो जाएगा। 2015 में मॉडल एक्ट के माध्यम से 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो बदलाव वापस लिए जाएं और नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत हो रही किसानों की जमीन की लूट बन्द की जाए। लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषी गृह-राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और उसके बेटे को गिरफ्तार किया जाए और घायल किसानों को मुआवजा दिया जाए। भारत सरकार मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाए और भारत सरकार डब्ल्यूटीओ से बाहर आये। किसान आंदोलन की बची हुई मांगें पूरी की जायें और बिजली संशोधन बिल वापस लिया जाए।