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कैथल में बढ़ा घग्गर का जलस्तर, ढाणियां अभी भी है बाढ़ से प्रभावित

पानीपत के गोयला खुर्द में पशुओं का चारा लेने गए एक किसान की यमुना में डूबने से मौत हो गई। वहीं हथिनी कुंड बैराज पर भी पानी कम हुआ है।
 
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Mhara Hariyana News

बाढ़ का पानी लगातार शहरी क्षेत्र से घट रहा है। हालांकि फतेहाबाद के आसपास की ढाणियां अभी भी बाढ़ प्रभावित हैं। वहीं, सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है

कैथल जिले के गुहला चीका में पानी का जलस्तर एक बार फिर 40 हजार क्यूसेक के पार चला गया है, जो खतरे की घंटी बन सकता है। हालांकि अभी चांदपुरा में पानी का बहाव कम चल रहा है।

 बाढ़ का पानी लगातार शहरी क्षेत्र से घट रहा है। हालांकि फतेहाबाद के आसपास की ढाणियां अभी भी बाढ़ प्रभावित हैं। वहीं, सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। कैथल जिले के गुहला चीका में पानी का जलस्तर एक बार फिर 40 हजार क्यूसेक के पार चला गया है, जो खतरे की घंटी बन सकता है। हालांकि अभी चांदपुरा में पानी का बहाव कम चल रहा है।


 गांवों के साथ लगती ढाणियों के मकानों के हालात काफी खराब हो चुके हैं। उधर अंबाला क्षेत्र में मारकंडा, टांगरी और घग्गर अपने खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं, लेकिन बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण आसपास के गांवों में एकबार फिर खतरा बढ़ा है। वहीं पानीपत के गोयला खुर्द में पशुओं का चारा लेने गए एक किसान की यमुना में डूबने से मौत हो गई। 

यमुनानगर : हथिनीकुंड बैराज में कम हुआ पानी
जिले में गुरुवार दोपहर और शुक्रवार को जोरदार बारिश हुई। बारिश से पारा करीब चार डिग्री नीचे रहा। मौसम विभाग की ओर से 24 घंटे में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। इस दौरान जिले में औसतन 24 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। वहीं हथिनी कुंड बैराज पर भी पानी कम हुआ है। शाम चार बजे बैराज पर कुल 34162 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया।

सोनीपत: यमुना किनारे मिट्टी का कटाव जारी
यमुना का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। शुक्रवार को सोनीपत में यमुना में करीब 50 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। जलस्तर कम होने से मिट्टी कटाव जारी है। जिले की सीमा में करीब 500 एकड़ भूमि पर कटाव हुआ है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। 

रोहतक: दो दिन की बारिश से 50 गांवों की 30 हजार एकड़ भूमि में जलभराव
दो दिन की बारिश से रोहतक जिले के लगभग 50 गांवों में 30 हजार एकड़ भूमि पर जलभराव है। यहां फिलहाल डेढ़ से दो फीट पानी जमा है। 10 प्रतिशत धान बारिश के पानी में डूब चुका है, जो खराब होने की कगार पर है। अन्य खेतों से जल निकासी के लिए प्रशासन ने लगभग 130 पंप लगाए हैं। ड्रेन व नहर पहले से ही फुल चलने के चलते निकासी में देरी हो रही है।

झज्जर : 18 से अधिक गांवों में ठीकरी पहरा लगाने के आदेश
झज्जर में जिलाधीश एवं उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने ड्रेन नंबर आठ में बारिश के मौसम में क्षमता से अधिक जल बहाव होने की आशंका को देखते हुए 18 से अधिक गांवों में ठीकरी पहरा लगाने के आदेश जारी किए हैं। चार हजार क्यूसेक की क्षमता वाली आउट फाल ड्रेन नंबर आठ में गोहाना क्षेत्र से पानी आने लगा है। चार हजार क्यूसेक क्षमता वाली ड्रेन में शुक्रवार की सुबह 2026 क्यूसेक पानी पहुंच गया है।

करनाल : लालूपुरा गांव में कटाव में कुछ राहत
घरौंडा के लालूपुरा गांव में कटाव से कुछ राहत मिली है। करीब दो सौ एकड़ भूमि अब तक कटाव की वजह से यमुना में मिल चुकी है। आईआईटी रुड़की की टीम के सुझाव पर बल्लियां गाड़ने के बाद उसमें जाल लगाकर मिट्टी से भरे कट्टे रखे गए, जिसके बाद कटाव काफी हद तक रुका। करनाल में शुक्रवार की सुबह 7.6 एमएम बारिश दर्ज की गई।