शराब के ठेको की मान्यता दे या स्कूलो की - नवीन जयहिन्द

रोहतक । प्रदेश भर के लगभग 3200 अस्थायी व् गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए सरकार ने फरमान जारी किया था कि सभी स्कूलों को 31 मार्च से पहले बंद कर दिया जायेगा। इसी मामले को लेकर सभी अस्थाई व गैर मान्यता प्राप्त स्कूल कर्मी नवीन जयहिन्द के पास अपनी फरियाद लेकर पहुँचे थे जिसके बाद सभी ने रोहतक स्थित भाजपा के राज्य कार्यालय का घेराव करने का फैसला लिया।
बीते शनिवार 11 मार्च को सभी अस्थाई व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के शिक्षको व गैर शिक्षक कर्मचारियो ने नवीन जयहिन्द के नेतृत्व में रोहतक के मानसरोवर पार्क से भाजपा के राज्यकार्याल तक अपने एक हाथ मे किताब व दूसरे हाथ मे शराब की बोतल लेकर रोष मार्च निकाला और राज्यकार्याल पर मौजूदा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा व शराब की बोतलें रख विरोध दर्ज किया। साथ ही जयहिन्द ने चेतावनी देते हुए कहा कि या तो भाजपा अपने द्वारा जारी 2014 के मेनिफेस्टो जिसमे ये कहा गया है कि सभी अस्थाई व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को मान्यता दी जाएगी उसे पूरा करे अन्यथा हमारी यह लड़ाई चंडीगढ़ तक जारी रहेगी।
जिसमे अलग अलग जिलो से आए हजारों शिक्षक अपनी मांग लेकर शामिल रहे।
जयहिन्द ने कहा कि पहले ही हमारा हरियाणा बेरोजगारी में देश मे पहले स्थान पर है और अब यह सरकार इन स्कूलों को बंद करके जो इन स्कूलों के नौकरीपेशा लोग है उन्हें बेरोजगार करने पर तुली हुई है साथ ही जो 6 लाख बच्चे इन स्कूलों में पढ़ रहे है उनका भविष्य भी खतरे में डाल रही है। जब शराब के ठेके खोलने की बात होती है तो सरकार पैसे लेकर तुरंत मान्यता दे देती है और जहां किसी को रोजगार मिलता है, बच्चो का भविष्य बनता है उन स्कूलों की मान्यता रदद् कर रही है सरकार। एक सर्वे के अनुसार इन स्कूलों में सरकारी स्कीम 34 A के तहत गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते है।
नवीन जयहिन्द से मिलने आए अस्थाई व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के एक प्रतिनिधी जो मुख्यमंत्री खट्टर के सहपाठी रहे। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जी से बात करने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री जी ने उनकी बात पर कोई संज्ञान नही लिया। आखिरकार हार कर उन्होंने नवीन जयहिन्द से उम्मीद लगाई है कि नवीन जयहिन्द के माध्यम से उनकी आवाज सरकार तक जरूर पहुंचेंगी ओर उनकी समस्याओं का समाधान भी होगा।
सरकार द्वारा जारी चुनावी घोषणा पत्र को दिखा कर जयहिन्द ने कहा की जब सरकार को वोट चाहिए थे तब अपने मेनिफेस्टो मे साफ़ साफ़ लिखा था कि उनकी सरकार बनने पर सभी अस्थायी व् गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को जल्द से जल्द मान्यता दी जाएगी लेकिन सरकार बनने के 9 साल बाद भी सरकार अपने दावे से मुकर रही है , जयहिन्द ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को चेतावनी देते हुए कहा की वो लाखो बच्चो के भविष्य को खराब नहीं होने देंगे साथ ही जयहिन्द ने ये भी चेताया की एक तरफ तो सरकार रोजगार को बढ़ावा देंगे का ढोंग रचती है और दूसरी तरफ सरकार इन स्कूलों में कार्यरत 60 हजार से अधिक नौकरीपेशा लोगो को बेरोजगार करने के पीछे तुली है।