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गुलाबी सुंडी के प्रकोप से नष्ट हुई नरमा-कपास की फसल का तुरंत मुआवजा दे सरकार: संदीप नेहरा

कहा-जल्द मुआवजा न दिया तो आर्थिक रूप से टूट जाएगा नरमा उत्पादक किसान
 
 
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डीएपी खाद बिक्री को लेकर समुचित प्रबंध करने के साथ साथ कालाबाजारी रोक ने को कड़े कदम उठाए सरकार

Mhara Hariyana News, Sirsa. सिरसा, 9 अक्तूबर। वरिष्ठ कांगे्रस नेता एवं पूर्व सिंचाई-शिक्षा मंत्री स्व. चौ. जगदीश नेहरा के पुत्र संदीप नेहरा एडवोकेट ने कहा कि हरियाणा में कपास उत्पादन बैल्ट में इन दिनों गुलाबी सुंडी के प्रकोप से नरमा-कपास की फसल पूरी तरह से बरबाद हो चुकी है, पहले से ही कर्ज में डूबे किसान को अगर जल्द से जल्द खराब फसल का मुआवजा न दिया तो वह भी आर्थिक रूप से बरबाद हो जाएगा। साथ ही

उन्होंने कहा कि जिस कंपनी के बीटी बीज वाली फसल में गुलाबी सुंड़ी लगी है उस कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उसके बीज पर प्रतिबंध लगाया जाए। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि इस समय डीएपी खाद की मांग बढ़ती जा रही है आगे चलकार किसानों को परेशानी न हो इसका ख्याल रखते हुए डीएपी खाद बिक्री को लेकर समुचित प्रबंध करने के साथ साथ सरकार कालाबाजारी रोक ने के  लिए कड़े कदम उठाए।
मीडिया को जारी बयान में संदीप नेहरा ने कहा है कि नरमा उत्पादक किसानों पर इस बार दोहरी मार पड़ रही है। मौसम के चलते  नरमे की फसल पहले ही खराब हो चुकी है। दूसरे गुलाबी सुंडी के प्रकोप से फसल बरबाद हो चुकी है। जिस कारण किसान काफी परेशान हैं।  किसान ने सुंडी के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग किया पर गुलाबी सुंडी के प्रकोप के कारण टिंडे खराब होते चले गए।  जिससे  किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।  हरियाणा में  ये खरीफ सीजन की प्रमुख फसल तो है ही, साथ ही किसानों के लिए अ‘छी आमदनी का साधन भी है।
उन्होंने कहा कि सरकार दावा कर रही है खराब हुई फसल का सर्वे करवाया लिया गया है दूसरे संबंधित जिला के डीसी भी अपने स्तर पर सर्वे कर चुके  हैं ऐसे में स्पेशल गिरदावरी करवाकर जल्द से जल्द किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि मुआवजा देने में देरी कर सरकार किसानों के जख्मों पर नमक छिडक़ रही है, अगर सरकार वाकई किसानों की स"ाी हितेषी है तो जल्द से जल्द किसानों के खाते में मुआवजा राशि डाले। साथ ही उन्होंने मांग की है कि जिस कंपनी के बीटी बीज वाली फसल में गुलाबी सुंड़ी लगी है उस कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उसके बीज पर प्रतिबंध लगाया जाए।

डीएपी खाद को लेकर पहले से ही कड़े कदम उठाए सरकार
उन्होंने कहा कि इस समय डीएपी खाद की मांग बढ़ती जा रही है आगे चलकार किसानों को परेशानी न हो इसका ख्याल रखते हुए डीएपी खाद बिक्री को लेकर समुचित प्रबंध करने के साथ साथ सरकार कालाबाजारी रोक ने के  लिए कड़े कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से डीएपी खाद की कालाबाजारी बढ़ती है। अधिकारी अपने चहेतों को खाद देकर दुकान बंद कर देते हैं। उन्होंने कहा कि हर साल किसानों को डीएपी खाद के  लिए धक्के खाने पड़ते है और सारे काम छोडक़र अल सुबह जाकर कतार में लगना होता है जब उसका नंबर आता है तो कह दिया जाता है कि खाद खत्म हो चुकी है।