अवैध गर्भपात व भ्रूण लिंग जांच रोकने में सरकार नाकाम: कुमारी सैलजा
जिस हरियाणा से देश में बेटी बचाओ का नारा दिया, वही अब भी टॉप पर
Jan 7, 2024, 15:11 IST
चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने हरियाणा की धरती से बेटी बचाओ-पढ़ाओ का नारा दिया, लेकिन इस नारे पर प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ही पलीता लगाने में जुटी हुई है। अवैध गर्भपात व भ्रूण लिंग जांच के मामले में हरियाणा देश में टॉप पर बना हुआ है। इससे पता चलता है कि प्रदेश में पीएनडीटी एक्ट 1994 व एमटीपी एक्ट 1971 को सख्ती से लागू करने की दिशा में सही ढंग से काम नहीं हो पा रहा है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों में गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच और गैरकानूनी तरीके से गर्भपात के संदर्भ में एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच को रोकने के लिए बनाए गए कानून प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक एंड प्रिवेंशन ऑफ मिसयूज एक्ट 1994 (पीएनडीटी एक्ट) और इस तरह की जांच के बाद होने वाले अवैध गर्भपातों को रोकने के लिए बनाए गए कानून द मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 (एमटीपी एक्ट) के तहत विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों का उल्लेख है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट से खुलासा होता है कि 5 राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात और दिल्ली में अभी भी भ्रूण लिंग जांच हो रही है, जिसमें हरियाणा टॉप पर है। पांचों राज्यों में आए 57 मामलों में से 37 मामले (58 प्रतिशत) अकेले हरियाणा से सामने आए हैं। इसी तरह गैर कानूनी ढंग से गर्भपात करने कराने के 33 मामले हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र व तेलंगाना में मिले हैं, इनमें से अकेले 28 मामले हरियाणा से हैं, जो कुल मामलों का 85 प्रतिशत है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में जन्म पूर्व गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच को गैर कानूनी घोषित किया हुआ है, लेकिन हरियाणा में इन पर किसी तरह की लगाम गठबंधन सरकार लगा नहीं पा रही है। जबकि, हरियाणा सरकार को चाहिए कि जिस प्रदेश के पानीपत जिले से उनकी पार्टी की केंद्र की भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, कम से कम उनकी तो लाज रख ही लेते। कोई ठोस कार्य कर प्रदेश में इस नारे को ही साकार कर लेते। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 8 साल बाद भी प्रदेश में अवैध गर्भपात व भ्रूण लिंग जांच के मामले शून्य न होना भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं। समय रहते दोनों कानून सख्ती से लागू नहीं किए गए तो प्रदेश में लिंगानुपात स्तर काफी बिगड़ सकता है, जिसके आने वाले समय में भयावह परिणाम सामने आएंगे।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों में गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच और गैरकानूनी तरीके से गर्भपात के संदर्भ में एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच को रोकने के लिए बनाए गए कानून प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक एंड प्रिवेंशन ऑफ मिसयूज एक्ट 1994 (पीएनडीटी एक्ट) और इस तरह की जांच के बाद होने वाले अवैध गर्भपातों को रोकने के लिए बनाए गए कानून द मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 (एमटीपी एक्ट) के तहत विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों का उल्लेख है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट से खुलासा होता है कि 5 राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात और दिल्ली में अभी भी भ्रूण लिंग जांच हो रही है, जिसमें हरियाणा टॉप पर है। पांचों राज्यों में आए 57 मामलों में से 37 मामले (58 प्रतिशत) अकेले हरियाणा से सामने आए हैं। इसी तरह गैर कानूनी ढंग से गर्भपात करने कराने के 33 मामले हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र व तेलंगाना में मिले हैं, इनमें से अकेले 28 मामले हरियाणा से हैं, जो कुल मामलों का 85 प्रतिशत है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में जन्म पूर्व गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच को गैर कानूनी घोषित किया हुआ है, लेकिन हरियाणा में इन पर किसी तरह की लगाम गठबंधन सरकार लगा नहीं पा रही है। जबकि, हरियाणा सरकार को चाहिए कि जिस प्रदेश के पानीपत जिले से उनकी पार्टी की केंद्र की भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, कम से कम उनकी तो लाज रख ही लेते। कोई ठोस कार्य कर प्रदेश में इस नारे को ही साकार कर लेते। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 8 साल बाद भी प्रदेश में अवैध गर्भपात व भ्रूण लिंग जांच के मामले शून्य न होना भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं। समय रहते दोनों कानून सख्ती से लागू नहीं किए गए तो प्रदेश में लिंगानुपात स्तर काफी बिगड़ सकता है, जिसके आने वाले समय में भयावह परिणाम सामने आएंगे।