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राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा सरकार भी इलैक्ट्रोहोम्योपैथी पद्धति को दे मान्यता: डा. राजेश कुमार

देश के अलग-अलग राज्यों से आए चिकित्सकों ने मीटिंग में किए विचार सांझा
 
 
राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा सरकार भी इलैक्ट्रोहोम्योपैथी पद्धति को दे मान्यता: डा. राजेश कुमार
सिरसा। इलेक्ट्रोहोमियोपैथी पूर्ण वनस्पति पर आधारित चिकित्सा पद्धति है, जो आज के परिवेश में मानव जीवन के लिए वरदान है। पहले इसके बारे में सुना था, लेकिन वर्तमान में इसकी दवाओं के प्रयोग से लोग आश्चर्यचकित हंै। देश में प्रचलित अन्य चिकित्सा पद्धतियों से इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति भिन्न है। इस पद्धति से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह पूर्ण रूप से हर्बल स्पेजरिक पर आधारित है। उक्त जानकारी शहर के बेगू रोड पर स्थित रोगमुक्ति क्लीनिक पर आयोजित देश के अलग-अलग राज्यों से आए इलैक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सकों की मीटिंग में डा. राजेश कुमार ने दी। डा. राजेश कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी की दवाई शरीर में जाने के बाद सेल्स में डिपॉजिट नहीं होती है। अन्य चिकित्सा पद्धतियों में दवाइयां लीवर, किडनी और अन्य अंगों में जाकर डिपॉजिट हो जाती है और उन्हें रोग ग्रसित कर देती हैं, जिससे एक रोग ठीक होने के साथ अन्य रोग भी लोगों को हो जाते हैं। ऐसे में इलेक्ट्रो होम्योपैथी बेहद ही कारगर है। बठिंडा से आए डा. एसके कटारिया ने कहा कि राजस्थान सरकार ने इस पद्धति को मान्यता दे दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राष्ट्रीय इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दिवस के मौके पर आयोजित सेमीनार में इस पद्धति की सराहना करते हुए कहा कि इस पद्धति ने चिकित्सा जगत को आश्चर्यचकित परिणाम दिए हंै। इस पद्धति को मान्यता देने वाला राजस्थान प्रदेश, देश का पहला राज्य है। उन्होंने हरियाणा सरकार से भी आग्रह किया कि राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी इस पद्धति को मान्यता दी जाए, ताकि लोगों को इस पद्धति से होने वाले लाभों से अवगत करवाकर बेहतर व सुलभ उपचार मुहैया करवाया जा सके। मीटिंग में अलग-अलग राज्यों से आए हुए चिकित्सकों ने अपने अनुभव भी सांझा किए। इस मौके पर बठिंडा से डा. जेएस खोखर, डा. अमृतपाल, सिरसा से डा. राजबाला, डा. अमनदीन कौर, डा. नीरजा गांधी, कालांवाली से डा. मनदीप सिंह, चंडीगढ़ से डा. अवनीत कौर, पंचकूला से डा. जरनैल सिंह, सांपला से डा. मोनिका, भिवानी से डा. रवि टांक, दिल्ली से डा. प्रदीप कुमार, डा. लक्ष्मीकांत, डा. सतीश कुमार, ऐलनाबाद से डा. बीएस नामधारी, शिवम शर्मा, अमन, अंजली, देवेंद्र कुमार, नूरबाना, हर्ष बाला, सवीना सोनी, हरमन, कपीश कुमार, अजय कुमार, धरेंद्र कुमार, साहिल व अकविंद्र उपस्थित थे।