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किसान समृद्ध तो देश खुशहाल : चेयरमैन आदित्य देवीलाल

मेले में 28 किसानों को किन्नों रत्न व किन्नों सम्मान पुरस्कार से किया सम्मानित
 
किसान समृद्ध तो देश खुशहाल : चेयरमैन आदित्य देवीलाल

डबवाली। फल उत्कृष्टता केंद्र, मांगेआना में आयोजित दो दिवसीय फल एक्सपो के दूसरे दिन समापन समारोह में हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवीलाल चौटाला ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की। इस अवसर पर उद्यान विभाग के मिशन निदेशक डा. रणबीर सिंह, अतिरिक्त निदेशक डा. धर्म सिंह यादव, संयुक्त निदेशक उद्यान डा. पीसी संधु, उद्यान निदेशालय डा. मनप्रीत कौर ने शिरकत की। मेले के द्वितीय दिन जिला सिरसा, फतेहाबाद व हिसार जिले के 1800 किसानों ने भाग लिया। मेले के दौरान मुख्य अतिथि ने स्टालों का दौरा किया गया तथा केंद्र में लगे विभिन्न फसलों के प्रदर्शन प्लाट का दौरा किया व विस्तृत रूप से बागों के बारे में जानकारी प्राप्त की। मेले के दौरान कुल 28 पुरस्कार वितरित किए गए, जिसमे 14 किन्नौ रत्न एवं 14 किन्नौ सम्मान पुरस्कार वितरित किए गए। किन्नौ रत्न पुरस्कार की राशि 3100/- रुपये व किन्नौ सम्मान की राशि 2100/- रुपये किसानों को डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।


चेयरमैन आदित्य देवीलाल ने कहा कि किसान की समृद्धि ही देश की समृद्धि होती है और भाजपा सरकार किसानो की उन्नति का हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश व केंद्र सरकार की और से किसानों के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसका किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि किसान समृद्ध व खुशहाल हो इसके लिए तकनीकी खेती करने की सबसे बड़ी आवश्यकता है और तकनीकी खेती के लिए सरकार किसानों को अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से समय-समय पर जागरुक भी करती है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से उन्होंने हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष का पद संभाला था, उसी दिन से प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार किसान और मजदूर के हक में कानूनी निर्णय लेने आरंभ कर दिए थे। मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना में कुछ नए बिंदुओं को सम्मिलित करवाया ताकि किसानों और मजदूरों को इस योजना का शत प्रतिशत लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री किसान खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना में आवेदन करने वाले लोगों को जल्द लाभ प्राप्त हो सके उसके लिए भी गंभीरता से प्रयास जारी है।


उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान को सीधे-सीधे बाजार से जोड़ने का अंतरराज्जीय व्यापार आरंभ करने का नया तरीका किसान और विभिन्न राज्यों की सरकारों के समक्ष पेश भी किया जिसमें एक राज्य का किसान दूसरे राज्य में अपनी फसल को सरलता से बिना बाधा के ले जाकर बेच सके जिसके मुख्य प्रावधान में यह शामिल है कि हर राज्य में एक दूसरे राज्य की एक मंडी बने उस मंडी में किसान के लिए भंडारण ठहरने और भोजन की समुचित व्यवस्था भी हो। उन्होंने किन्नू उत्पादक किसानों के विषय में कहा कि हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड द्वारा जिला के गांव अबूबशहर में किन्नू प्लांट दोबारा शुरु किया गया ताकि किन्नू उत्पादक किसानों को किन्नू बेचने में कोई दिक्कत पेश न आए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार के नेतृत्व में हरयाणा प्रदेश का किसान बागवानी में भी खूब तरक्की कर रहा है।


मुख्यअतिथि ने फल उत्कृष्टता केंद्र का जीप पर बैठकर निरीक्षण किया और किस्मों के बारेे में विस्तार से जानकारी ली। उप-निदेशक डा. सत्यबीर शर्मा ने मेले में आए मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों एवं किसानों का स्वागत किया। केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर (राजस्थान) से डा. जगन सिंह गौरा, वैज्ञानिक (फल विज्ञान) द्वारा मेले में आए किसानों को नींबू वर्गीय फसलों की आधुनिक तकनीकी द्वारा उत्पादन एवं नींबू वर्गीय फसलों में आने वाली बीमारियों तथा उनकी रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।


इस अवसर पर उद्यान विभाग के मिशन निदेशक डा. रणबीर सिंह, अतिरिक्त निदेशक डा. धर्म सिंह यादव, संयुक्त निदेशक उद्यान डा. पीसी संधु, उद्यान निदेशालय डा. मनप्रीत कौर ने किसानों को संबोधित करते हुए विभाग द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस दौरान उन्होंने केंद्र पर अपनाई जा रही नींबूवर्गीय, अनार, अमरूद, खजूर, जैतून, आड़ू, नाशपाति की आधुनिक उत्पादन तकनीक, विभिन्न फसलों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की तकनीक, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के साथ-साथ फसलों की उत्पादकता बढ़ाने की तकनीक, कृषक समुदाय की आय में वृद्धि करने बारे एक्सपों में आए किसानो को जानकारी उपलब्ध करवाई गई।


इस मौके पर एफपीओ, मशीनरी बागवानी, कृषि एवं नर्सरियों से सम्बंधित विभिन्न उत्पादों की 35 स्टाल लगाई गई। इस अवसर पर विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. रमेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी डा. पुष्पेंदर, विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. सुरेंद्र सिहाग, डा. सचिन व डा. रिंकू ने विभिन्न बिंदुओं पर अपने-अपने विचार किसानों के समक्ष रखे।