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शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा में धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एमएसजी भंडारा

MSG Bhandara celebrated with pomp and gaiety at Shah Satnam Ji Ashram Barnawa
 
शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा में धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एमएसजी भंडारा

बरनावा। पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने 25 मार्च 1973 को पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को नाम शब्द, गुरुमंत्र की अनमोल दात देकर अपने साथ जोड़ा था। इसे डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत एमएसजी भंडारे के रूप में मनाती है।

रविवार को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की साध-संगत ने एमएसजी भंडारा बड़ी धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया।

इस अवसर 156 मानवता भलाई के कार्यों को गति देते हुए 25 जरूरतमंद परिवारों को एक-एक महीने का राशन बांटा गया। एमएसजी भंडारे को लेकर साध-संगत खुशियों से लबरेज नजर आई।

 रविवार सुबह 11 बजे एमएसजी भंडारे को लेकर आयोजित नामचर्चा कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसके पश्चात कविराजों ने शब्दवाणी के माध्यम से साध-संगत को लाभान्वित किया। बाद में पूज्य गुरु जी के रूहानी वचनों को चलाया गया, जिसे साध-संगत ने एकाग्रचित होकर श्रवण किया।

एमएसजी आईटी विंग के सेवादारों ने उपस्थित साध-संगत को पूज्य गुरु जी व डेरा सच्चा सौदा के ऑफिसियल सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई, ताकि सभी को डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे 156 मानवता भलाई कार्यों की सही जानकारी साध-संगत को मिल सकें।

इससे पूर्व उपस्थित साध-संगत ने धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा लगाकर पूज्य गुरु जी को एमएसजी भंडारें की बधाई दी।


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एमएसजी भंडारे में उपस्थित साध-संगत को फरमाते हुए पूज्य गुरु जी ने कहा कि कुछ दिन ऐसे होते हैं, कुछ महीने ऐसे होते हैं, जो जिंदगी में बदलाव और ऊँचाइयों को लेकर आते हैं।

वो महीने, वो दिन कभी भुलाए नहीं भूलते और जब हम उन दिनों को मनाते हैं, अपने परमपिता परमात्मा को याद करते हैं तो अंत:करण, दिलो दिमाग में खुशी की नई तरंगें जाग उठती हैं। खुशी का नया समुन्द्र लहराने लगता है।

इसलिए हमेशा अपने पीर-फकीर को याद रखो, उसकी भक्ति-इबादत करते रहो।  क्योंकि उसी ने मालिक से हमें मिलाया है। संत, पीर-पैगम्बरों की पाक-पवित्र बाणी में वचन भी गुरु की महिमा के करते हैं कि सारी धरती को कागज बना लूं, वनस्पति को कलमें बना लूं, समुन्द्र को स्याही बना लूं, हवा की गति से लिखूं तो लिख ना पाऊं।

हे मुर्शिद-ए-कामिल! हे मेरे सतगुरु! हे मेरे राम! इतने तेरे गुण, इतने तेरे परोपकार हैं मुझ पर। सतगुरु के गुणगान और उसके पर उपकारों का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता।

 आज समाज बर्बादी की ओर  बढ़ता जा रहा है तथा  नशे का मक्कड़ जाल, बुराईयां चहुंओर नजर आती है और उसको खत्म करने वाला ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, प्रभु का नाम लेने में लोगों को भार लगता है।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज के दौर में एकमात्र प्रभु, सतगुरु, मौला का नाम एक ऐसा है जो आपकी तमाम परेशानियों का हल ही नहीं, बल्कि पूरी उम्र आपका साथ देने वाला है। जब तक इंसान का  शरीर तंदुरुस्त नहीं, बाकि चीजे कोई मायने नहीं रखती।

इसलिए इंसान का शरीर तंदुरुस्त होना बहुत जरूरी है। पूज्य गुरु जी ने लोगों को नशे रूपी दैत्य को छोड़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि आम लोग नशा करके समाज को बहुत बड़ा नुक्सान पहुंचा रहे हैं। इसलिए सभी प्रभु-परमात्मा का नाम लेकर  इन भयानक नशों को छोड़ दें और देश और समाज उत्थान में अपना योगदान दें। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि सेवादार भाई दिन-रात एक करके नशा छुड़वाने में लगे हुए है।

हम बार-बार आह्वान कर रहे हैं, हमारे देश के मौजिज लोगों से और वो लोग भी कदम उठा रहे हैं। हमें बड़ी खुशी हुई, हम उनको साधुवाद कहते हैं जिन्होंने भी कदम उठाए हैं। सभी धर्मों के मौजिज लोगोें से भी हम हाथ जोड़कर विनती करते हैं और करते रहेंगे जब तक आप लोग लगोगे नहीं, आप भी आओ, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम नाम से लोगों का नशा छुड़वाओ तो सही। अरे एक माँ के बेटे का नशा छुड़वाकर उससे मिलवा दिया तो पता नहीं कितने पुण्य के बराबर,
कितने यज्ञ के बराबर वो पुण्य होगा।


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एमएसजी भंडारा कार्यक्रम में कविराजों ने अनेक सुंदर भजनवाणी व कव्वालियों के माध्यम से साध-संगत को निहाल किया। कविराजों ने कोई कोई जाने कैसा नशा है नाम का- वोही जाने प्याला पिया प्रेम का...., ये नर तन मिला है जो तुझको ये गवाने के काबिल नहीं है....,   जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है..., जात धर्म का झगड़ा शाह सतनाम जी, एमएसजी आन मिटाया है..., सब पे करम फरमाएंगे, दाता आज बिगड़ी बनाएंगे...आदि भजन बोले गए।


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देश में कोई भी भूखा न सोए इसके लिए डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत सप्ताह में एक दिन उपवास रखकर बचे हुए अनाज को ब्लॉकों में बनाए गए फूड बैंक में जमा कराती है। इसी संबंध में कार्यक्रम के दौरान फूड बैंक से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से आमजन को जरूरतमंद लोगों को राशन व पौष्टिक आहार देकर मदद करने के लिए प्रेरित किया गया।


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कार्यक्रम के दौरान पूज्य गुरु जी द्वारा देश को नशा मुक्त करने के लिए गाए गए भजन मेरे देश की जवानी को चलाया गया। जिस पर साध-संगत नाच गाकर अपनी खुशी का इजहार किया।  इस शब्द को देश-विदेश में खूब पसंद किया जा रहा है और अब तक 10 मिलियन से अधिक लोग इसे देख चुके है।