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देश के इतिहास का 81 वा भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर किया गांधीजी के विचारों को आत्मसात गांधी जी के प्रयासों से भारत देश हुआ आजाद

On the 81st anniversary of the Quit India Movement in the history of the country, Gandhiji's ideas were imbibed, India became independent due to the efforts of Gandhiji
 
देश के इतिहास का 81 वा भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर किया गांधीजी के विचारों को आत्मसात गांधी जी के प्रयासों से भारत देश हुआ आजाद

Mhara Hariyana News, Sirsa

आज राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बप्पा के प्रांगण में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा मेरी माटी मेरा देश के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें आज भारत छोड़ो आंदोलन की इतिहास में वर्षगांठ के अवसर पर महात्मा गांधी जी के विचारों को आत्मसात करने का प्रण लिया गया इसके साथ ही आज हिरोशिमा नागासाकी पर अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बम मैं मारे गए बेगुनाह नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मोमबत्ती जलाकर 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें याद किया गया इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के इंचार्ज नरेश कुमार ग्रोवर ने बच्चों को बताया कि महात्मा गांधी ने देश से अंग्रेजों को निकालने के लिए 1942 को आज ही के दिन भारत छोड़ो आंदोलन का ऐलान किया इसमें उन्होंने आग्रह किया कि सभी मिलजुल कर अंग्रेजों को इस देश से बाहर निकालने के लिए आगे बढ़े इस अवसर पर गांधी जी ने करो या मरो का नारा देकर लोगों को संदेश दिया जा तो देश के लिए मर जाओ या उसे आजाद कराने के लिए आगे बढ़ो इस प्रकार से गांधीज के इस प्रयास से 1947 को भारत आजाद हुआ और देश में 15 अगस्त 1947 को प्रथम बार लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहराया गया इसके साथ-साथ  बच्चों को आज सत्य त्याग तपस्या का भी संदेश दिया गया और यह कहा गया कि विश्व में शांति बनाए रखना अति आवश्यक है शांति बनाने के लिए युद्धों से दूरी बनाना और भी अति आवश्यक है क्योंकि युद्ध किसी भी समस्या का अंतिम समाधान नहीं होता अंतिम समाधान तभी होगा जब उसे समाधान के लिए हम सकारात्मक सोच से आगे बढ़ेंगे अमेरिका ने 1945 को हिरोशिमा नागासाकी पर जो परमाणु विस्फोट किया इससे विषय में एक संतुलन का वातावरण फैल गया और इसे बेगुनाह लोग मारे गए और आने वाले समय में सभी देश दहशत में जी रहे हैं क्योंकि आज हर देश के पास  परमाणु बम है और सभी डर के साए में जी रहे हैं इसीलिए गांधी जी ने कहा था कि हमेशा शांति को ही अपना हत्यार बनाएं क्योंकि अशांत मन से कभी भी हम जीवन नहीं जी सकते इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य मनीष कुमार प्रकाश सिंह प्रिंस विनीत बजाज भारत भूषण संदीप कुमार देशराज दलजीत सिंह संदीप कुमार रोहित रोहताश कुमार सुनीता कोहली पायल मेहता रचना मेहता मीनू सपना प्रवीण कुमार सुरेंद्र कुमार सुखदेव सिंह आदि ने इस अवसर पर शपथ ली कि वे हमेशा शांति के पथ पर चलेंगे और विश्व में शांति का माहौल बनाने में अपना सहयोग देंगे और गांधी जी के बताए रास्ते पर चलेंगे