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भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है जैविक खेती: डा. कृष्ण कुमार

 
भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है जैविक खेती: डा. कृष्ण कुमार
सिरसा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामपुरा ढिल्लों में आयोजित किए जा रहे स्किल डवेलपमेंट शिविर में शुक्रवार को एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट से रिटायर्ड एसडीओ डा. कृष्ण कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और जैविक खेती के बारे में विद्यार्थियों को संदेश दिया। उन्होंने बताया कि जैविक खेती एक ऐसी पद्धति है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों तथा खरपतवारनाशियों के स्थान पर जीवांश खाद पोषक तत्वों (गोबर की खाद कम्पोस्ट, हरी खाद, जीवणु कल्चर, जैविक खाद आदि) जैव नाशियों (बायो-पैस्टीसाईड) व बायो एजैन्ट जैसे क्राईसोपा आदि का उपयोग किया जाता है, जिससे न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है, बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता तथा कृषि लागत घटने व उत्पाद की गुणवत्ता बढऩे से कृषक को अधिक लाभ भी मिलता है। उन्होंने बताया कि जैविक खेती वह सदाबहार कृषि पद्धति है, जो पर्यावरण जल व वायु की शुद्धता, भूमि का प्राकृतिक स्वरूप बनाने वाली, जल धारण क्षमता बढ़ाने वाली, धैर्यशील कृत संकल्पित होते हुए रसायनों का उपयोग आवश्यकता अनुसार कम से कम करते हुए कृषक को कम लागत से दीर्घकालीन स्थिर व अच्छी गुणवत्ता वाली पारम्परिक पद्धति है। इस मौके पर विद्यालय प्राचार्य ओमप्रकाश व अन्य स्टाफ  सदस्यों ने विद्यार्थियों द्वारा स्किल डवेलपमेंट शिविर के तहत बनाई गई कलाकृतियों का अवलोकन किया और विद्यार्थियों को इस प्रकार के कैंपों में बढ़चढक़र भाग लेने का आह्वान किया, ताकि वे अपनी छिपी हुई प्रतिभा को बाहर निकाल सकें।