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राइस मिलर्स एसोसिएशन ने प्रशासन को सौंपी मिलों की चाबियां

Rice Millers Association handed over the keys of the mills to the administration
 
राइस मिलर्स एसोसिएशन ने प्रशासन को सौंपी मिलों की चाबियां
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सिरसा। राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा फोर्टिफाइड राइस का टेंडर नहीं किए जाने के विरोध में रोष प्रकट करते हुए शुक्रवार की सुबह प्रशासन को मिलों की चाबियां व एक ज्ञापन भी सौंपा। एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक कुमार रोड़ी ने बताया कि जिले में कुल 31 राइस मिलें हंै। उन्होंने बताया कि इन राइस मिलों में सरकार द्वारा खरीदी गई धान का चावल बनाकर एफसीआई को उपलब्ध करवाती है।

भारत सरकार की नीति अनुसार स चावल में फोर्टिफाइड राइस कर्नल (एफआरके) मिलाकर ही डिलीवरी देनी होती है और एफआरके विभाग द्वारा ही उपलब्ध करवाना होता है। उन्होंने बताया कि पूरे सिरसा जिले का एफआरके का कोटा 970 एमटी बनता है, जिसमें से विभाग द्वारा 500 एमटी एफआरके उपलब्ध करवाया गया है और मिलों द्वारा फोर्टिफाइड युक्त चावल की डिलीवरी एफसीआई को दी जा चुकी है।

लेकिन विभाग द्वारा शेष बचे 470 एमटी एफआरके की उपलब्धता न करवाने के कारण पिछले 20 दिनों से जिले की सभी राइस मिलें बंद पड़ी है, जिसके कारण मिलों का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित है।

और तो और मिलें बंद होने के कारण लेबर भी जाने को तैयार खड़ी है, क्योंकि काम न होने के कारण वे भी कितने दिन उन्हें अपने पास से राशन पानी उपलब्ध करवाएं।

उन्होंने बताया कि सरकार जानबूझकर टेंडर में देरी कर रही है, क्योंकि अगर 31 मार्च तक मिल संचालकों ने डिलीवरी दे दी तो सरकार को 15 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना पड़ेगा और अगर मार्च के बाद डिलीवरी हुई तो सरकार को करोड़ों रुपए का बोनस नहीं देना पड़ेगा।

समस्या को लेकर वे विभाग के अधिकारियों से लेकर उच्चाधिकारियों तक जा चुके हंै, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चहुंओर से एक ही जवाब मिल रहा है कि फाइल मंत्री की टेबल पर है और वही इसे हस्ताक्षर कर आगे भेजेंगे।

उन्होंने प्रशासन को मिलों की चाबियां सांैपते हुए कहा कि जब तक शेष 470 एमटी एफआरके का टेंडर नहीं होता, वे मिल नहीं चला सकते। प्रशासन या तो अपना माल उठा ले या फिर जल्द से जल्द टेंडर करवाए, ताकि वे मिलों का कार्य सुचारू रूप से चला सकें।

यदि सोमवार तक हमारा कोई समाधान नहीं हुआ तो सभी मिलरों की लेबर और कर्मचारियों को लेकर डीसी ऑफिस में धरना देंगे और संघर्ष को तेज किया जाएगा।

इसके साथ-साथ राइस मिलर्स पानी की टंकियों पर भी चढऩे से गुरेज नहीं करेंगे। इस मौके पर प्रधान संजीव कालांवाली, उपप्रधान प्रशांत मोदी डबवाली, सचिव डा. डीके गर्ग रोड़ी, कैशियर विजय कुमार डबवाली, एडवाइजरी कमेटी सदस्य सुरेंद्र नेहरू कालांवाली, अमन कंबोज दड़बी, जितेंद्र सेठी डबवाली, मोहित गर्ग कालांवाली, धीरज कुमार बालाजी राइस मिल कालांवाली, सखी राइस मील जीवन बंसल, गणेश इंडस्ट्री योगेश सुरतिया, सिरसा राजेश बंसल अग्रवाल राइस मिल डबवाली, अमित बिश्नोई गोल्डन एग्रोटेक राइस मिल डबवाली उपस्थित थे।