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बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर डाल रहे डाका : कुमारी सैलजा

कहीं स्मार्ट मीटर सिक्योरिटी चार्ज तो कहीं एडवांस सिक्योरिटी चार्ज के नाम पर वसूली
 
 
Somewhere recovery is done in the name of smart meter security charge and somewhere in the name of advance security charge.
चंडीगढ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बिजली बिलों के नाम पर पूरे प्रदेश में लूट मचाई हुई है। किसी जिले में स्मार्ट मीटर सिक्योरिटी चार्ज तो कहीं पर एडवांस सिक्योरिटी चार्ज के नाम पर मोटी राशि बिजली बिलों में जोडक़र भेजी जा रही है। इसे हर हाल में जमा करवाना बिजली उपभोक्ताओं की मजबूरी बन गई है। बिना किसी पूर्व सूचना या लिखित आदेश के अपनी जेब पर डाका डाले से जनता हैरान व परेशान है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार मौजूदा बिजली मीटरों से अधिक रफ्तार से चलने वाले स्मार्ट मीटर बिजली उपभोक्ताओं पर जबरन थोप रही है। इसके बावजूद इन्हें लगाने से पहले ही लोगों के बिजली बिल में इनकी राशि जोडक़र भेजी जा रही है। लोग भी कनेक्शन कटने के डर से इसे जमा भी करा रहे हैं। लेकिन इस तरह ये भारी भरकम राशि की जनता से वसूली करना गलत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी बिजली उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी राशि बिजली निगम के पास जमा होती है। जब पुराने मीटर की जगह नया मीटर लगा रहे हैं, तो फिर इसकी एवज में जनता से वसूली नहीं की जानी चाहिए। सरकार को अपने पास से ये मीटर लगाने चाहिएं। उपभोक्ताओं की जो सिक्योरिटी राशि बिजली निगम के पास जमा है, उस पर 18 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज की अदायगी करनी चाहिए।

कुमारी सैलजा ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होते हैं, वहां पर भाजपा के नेता जनता को मुफ्त बिजली मुहैया कराने के वादे करने से नहीं थकते। हरियाणा में लगातार 9 साल से भाजपा सत्ता में है और यहां फ्री बिजली देना तो दूर की बात, लोगों को सिक्योरिटी चार्ज लगाकर भारी भरकम बिल भेजे जा रहे हैं। गरीब से गरीब परिवार का भी हजारों में बिजली बिल आ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वह अपनी कमाई से परिवार का पेट भरे या भारी भरकम बिजली बिल भरकर सरकार की जेब भरे। जब पुराने मीटर सही चल रहे हैं तो फिर नए मीटरों पर करोड़ों खर्च करने का कोई औचित्य नहीं है। जहां भी अभी तक स्मार्ट मीटर लगे हैं, वहां बिजली उपभोक्ताओं के अनाप-शनाप बिल आ रहे हैं। इसलिए प्रदेश सरकार को गुपचुप तरीके से बिजली बिलों में स्मार्ट मीटर की एवज में ली जा रही राशि व एडवांस सिक्योरिटी चार्ज के नाम पर की जा रही वसूली को तुरंत बंद करना चाहिए।