logo

ईश्वरीय स्वरूप का जीवंत प्रमाण दिया संजीवनी अस्पताल ने

Sanjivani Hospital gave living proof of divine nature
 
ईश्वरीय स्वरूप का जीवंत प्रमाण दिया संजीवनी अस्पताल ने
WhatsApp Group Join Now

सिरसा।

भारतीय परंपराओं में चिकित्सक को ईश्वर का दूसरा स्वरूप माना गया है और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण स्थानीय संजीवनी अस्पताल के संचालक डॉ. अंजनी अग्रवाल व उनकी पूरी योग्य चिकित्सकों की टीम के रूप में देखा जा सकता है जो निरंतर घायलों की प्राणरक्षा कर उन्हें नया जीवन दे रहे हैं।

Sanjivani Hospital sirsa

ऐसी ही एक घटना जिले के गांव सुचान कोटली वासी 21 वर्षीय युवक रोशन के साथ हुई जिसमें वह स्वयं बाइक चलाता हुआ किन्हीं परिस्थितियोंवश एक खंभे से जा टकराया।

Sanjivani Hospital sirsa

इस दुर्घटना में उसका बाईं ओर का पूरा हाथ कंधे से विलग हो गया। गंभीर हादसे के तुरंत बाद परिजन रोशन को सिरसा स्थित संजीवनी अस्पताल लेकर आए जहां अस्पताल के संचालक व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अंजनी अग्रवाल की देखरेख में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. तेजेंद्र सिंह एमसीएच ने अपनी पूरी दक्षता व अनुभव का परिचय देते हुए रोशन की अलग हुए हाथ को सर्जरी के माध्यम से पूरी तरह से उसके कंधे से पुन: जोड़ दिया जो सिरसा व समीपस्थ क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि है।

अहम बात यह है कि उपचार के बाद रोशन का यह हाथ पूरी तरह से पहले की तरह ही काम कर रहा है, फिलहाल उसे कुछ समय के लिए विश्राम का परामर्श दिया गया है।

हीं रोशन के परिजन इस उपचार पद्धति को किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे और बार बार अस्पताल संचालक डॉ. अंजनी अग्रवाल का हृदय से आभार प्रकट कर रहे हैं जिन्होंने सिरसा में एक ही छत के तले तमाम बीमारियों की उपचार के लिए योग्य व निपुण चिकित्सकों की टीमों को रोगियों के उपचार का दायित्व सौंपा हुआ है। परिजनों ने डॉ. तेजेंद्र सिंह का भी रोशन के बेहतर उपचार के लिए धन्यवाद किया है।