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विद्युत निगम के एसई दे रहे भ्रष्टाचार को बढ़ावा: जसकौर सिंह

सरकार व बिजली मंत्री से जांच कर कार्रवाई की मांग

 
Demand for action after investigation from the government and electricity minister

Mhara Hariyana News, Sirsa
सिरसा। बिजली निगम में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार चल रहा है। इस संबंधी विभाग के उच्चाधिकारियों को अनेक बार शिकायतें दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कार्रवाई शून्य है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई अनवरत जारी रहेगी। उक्त आरोप पंजाब अंगेस्ट क्रप्शन संगठन के जसकौर सिंह ने मीडिया से रू-ब-रू होते हुए लगाए। उन्होंने बताया कि पिछले काफी सालों से वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हंै। इस लड़ाई में वे स्वयं भी कई बार भ्रष्टाचार का शिकार हो चुके हंै, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। जसकौर सिंह ने आरोप लगाया कि विद्युत निगम के एसई की मेहरबानी से चंद्रभान जेई, जिनकी पिछले करीब 30 सालों से पोस्टिंग तो डबवाली में है, लेकिन उनका वेतन सिरसा बनता है, जोकि भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा उदाहरण है। उन्होंने निगम के डायरेक्टर रहे आरके सोढ़ा द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए बताया क उन्हें डायरेक्टर की पोस्ट पर गलत तरीके से बैठाया गया, क्योंकि इसके लिए बकायदा राज्यपाल की परमिशन लेनी होती है, लेकिन सैटिंग के चलते उन्हें इस पद पर बैठा दिया गया। यही नहीं उनके डायरेक्टर रहते खरीदी गई केबल का सेंपल भी फेल पाया गया था, लेकिन निगम ने सिर्फ चार्जशीट कर उन्हें बजाय पद से हटाने के पद पर बैठाए रखा और करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया। जसकौर सिंह ने बताया कि उनकी नियुक्ति संबंधी काफी समय से आरटीआई लंबित है और अधिकारी अपनी गिरेबां बचाने के लिए जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हंै। उन्होंने निगम के एसई पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कमाई वाले सभी पदों पर अपने चहेतों को बैठाया हुआ है और जब भी कोई शिकायत होती है तो अधिकारी मिलकर उसे दबा देते हंै। कालांवाली, चोपटा सहित अन्य स्थानों पर कुछ साल पहले हुए ट्यूबवैल कनैक्शन घोटाले का भी उन्होंने पर्दाफाश किया था। इस मामले में कुछ अधिकारी जेल में है, जबकि कुछ सैटिंग कर बच गए। जसकौर सिंह ने कहा कि अधिकारियों को किसी राजनीतिक व्यक्ति का आशीर्वाद है, जिसके चलते कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने सरकार व बिजली मंत्री से मांग की कि विद्युत निगम में चल रहे इस भ्रष्टाचार के गेम की जांच की जाए, ताकि अधिकारियों की पोल पट्टी खुलकर सामने आए और सरकार के दामन पर भ्रष्टाचार के छींटे न पड़ें।