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अधिकारियों की कारगुजारी से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है सिरसा जिला: जसकौर सिंह

 
अधिकारियों की कारगुजारी से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है सिरसा जिला: जसकौर सिंह

सिरसा। सरकार भ्रष्टाचार को लेकर काम कर रही है, लेकिन सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी सरकार की नीति को दागदार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। अधिकारियों की कारगुजारी के कारण सिरसा जिला भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। उक्त आरोप क्रप्शन फ्री इंडिया संगठन से जसकौर सिंह ने वीरवार को मीडिया के समक्ष रू-ब-रू होकर लगाए। जसकौर सिंह ने कहा कि सैल टैक्स विभाग में रोजाना करोड़ों रुपए का गड़बड़झाला किया जा रहा है। न्यू इंडिया, नैना देवी व ओम श्री बालाजी की करीब 150 गाडिय़ां रोजाना आवागमन करती है। उन्होंने इन गाडि़य़ों के संचालकों के एडिशनल डायरेक्टर के पीए से सांठगांठ के आरोप लगाए। जसकौर सिंह ने कहा कि मार्च 2023 से लेकर दिसंबर 2023 तक उन्होंने सैकड़ों गाडिय़ां पकड़वाई, जिससे सरकार के राजस्व में रिकॉर्ड इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि शत्रुजीत कपूर व सीएम फ्लाइंग में नियुक्त डीएसपी अजय शर्मा के कार्यकाल के दौरान बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई गई और आईएएस अधिकारी तक पकड़ में आए। जीएसटी की चोरी में भी अधिकारियों ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए जमकर अपनी जेबें गर्म की।

एक मामले का जिक्र करते हुए जसकौर सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच अधिकारी ने कोर्ट से पकड़े गए आरोपी से पूछताछ के लिए रिमांड के लिए आवेदन किया, लेकिन सैशन कोर्ट ने गंभीर धाराओं के होने के बाद भी आरोपियों को जमानत दे दी, जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नीचे से लेकर उपर तक सिस्टम की रग-रग में भ्रष्टाचार रमा हुआ है। जसकौर सिंह ने कहा कि अगर सरकार अधिकारियों पर लगाम नहीं लगा सकती तो पूरे सिस्टम को ठेकेदारों को सौंप दें, ताकि सरकार की छवि तो खराब न हो। दूसरे ओर बिजली मंत्री के गृह जिले में निगम के एसई द्वारा राजनीतिक संरक्षण में जमकर भ्रष्टाचार का खेल चलाया जा रहा है। जसकौर सिंह ने कहा कि जो अधिकारी या कर्मचारी ईमानदारी से काम करना चाहता है, उसे तुरंत प्रभाव से खुड्डे लाइन लगाकर उसकी जगह भ्रष्ट अधिकारी अपना कर्मचारी लगा देते हंै। उन्होंने बिजली निगम में किए जा रहे खुलकर किए जा रहे भ्रष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि अधिकारी बिना जरूरत के ही अनेक एरिया के एस्टीमेट बनाकर सामान निकलवा लेते हैं और उसे बेचकर करोड़ों के वारे-न्यारे करते हंै। जब बात जांच पर आती है तो चोरी की घटना बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हंै। उनकी सरकार से मांग है कि इन भ्रष्ट अधिकारियों के स्थान पर ईमानदार अधिकारियों की नियुक्ति करें, ताकि सरकार की छवि पर कोई आंच न आए।