छुटपुट घटनाओं को छोड़ चुनाव में शांत रहा सिरसा, एसपी विक्रांत भूषण रहे अलर्ट
![सैलजा व तंवर समर्थकों में झड़प केमामले में गठित की एसआईटी](https://mharahariyana.com/static/c1e/client/96953/uploaded/baec988c97dce9b6a69850194ce625e0.jpg)
Mhara Hariyana News, Sirsa
सिरसा। सिरसा के पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण की अगुवाई में जिला पुलिस लोकसभा चुनाव की अग्नि परीक्षा में सफल रही। एक आध छुटपुट घटनाओं को छोड़कर जिलेभर में मतदान शांति पूर्वक रहा। पुलिस अधीक्षक स्वयं दिनभर अलर्ट रहे और जहां भी झड़प या विवाद की सूचना मिली, प्रशासनिक अमले के साथ स्वयं पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को भगत सिंह चौक के निकट सैलजा व तंवर समर्थकों के बीच हुए टकराव के मामले में एसआईटी गठित की है। एसआईटी पूरे मामले की जांच करेगी। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार पुलिस कार्रवाई करेंगी।
वर्णनीय है कि शनिवार को लोकसभा चुनाव के दौरान जिलाभर में शांति बनी रहीं। निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से मतदान हो रहा था। मतदान के आखिरी चरण में किन्हीं बातों को लेकर सैलजा व तंवर समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने मामले की गंभीरता को समझते हुए स्वयं मोर्चा संभाला। पुलिस अधीक्षक ने दिलेरी दिखाई और भड़की हुई भीड़ पर बमुश्किल काबू पाया। उन्होंने दोनों पक्षों को न्याय की बात कहकर शांत किया। पुलिस अधीक्षक की सूझबूझ से कानून व्यवस्था की स्थिति कायम रहीं, वहीं पर बड़ा हादसा होने से बच पाया। मामले में दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर इल्जाम लगाए गए है। पुलिस पूरे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज खंगालेगी। साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों के बयानात भी दर्ज करेगी।
भीड़ किसने जुटाई?
जांच का विषय यह भी है कि आखिर भीड़ किसने जुटाई? क्या लड़ाई-झगड़े और हमले की पहले से तैयारी की गई थी? जांच की जानी चाहिए कि किसके कहने पर कौन लोग मारपीट, तोडफोड़ में शामिल हुए? किसने उन्हें उकसाया? यह भी कि जब धारा-144 लगी थी, तब इतने लोग एक जगह कैसे एकत्रित हुए?
किसने बिगाड़ा माहौल?
पूरे घटनाक्रम को लेकर लोगों में भारी कौतुहल रहा। शहर में अलग-अलग चचार्एं रहीं। हालांकि मतदान सम्पन्न हो चुका था, अन्यथा इसका वोटिंग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था। जांच की जानी चाकिए कि आखिर किसने शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ा? जब मतदान करने के बाद मतदाता दोबारा पोलिंग बूथ के पास नहीं जा सकता था, तब कौन बन रहा था 'चौधरी'?
पुलिस को दिया जाना चाहिए श्रेय
भीषण गर्मी के बीच पुलिस कर्मियों ने अपने फर्ज का निर्वहन किया। निष्पक्ष व निर्विध्र चुनाव के आयोजन के लिए पुलिस कर्मचारी पिछले कई दिनों से मोर्चा संभाले हुए है। स्वयं पुलिस अधीक्षक भी फील्ड में उतरकर स्थिति पर नजर रखे हुए है। ऐसे में पुलिस को सराहा जाना चाहिए। तनावपूर्ण स्थिति में भी पुलिस जवानों ने धैर्य के साथ स्थिति पर नियंत्रण किया।