मॉडल संस्कृति स्कूलों में स्थापित की जाएगी मृदा परीक्षण लैब

सिरसा।
जिला के मॉडल संस्कृति स्कूलों में मृदा परीक्षण लैब स्थापित की जाएगी। लैब चालू होने के बाद किसानों को सुविधा होगी। वे स्कूलों में जाकर मिट्टी की जांच करा सकेंगे।
वहीं, स्कूलों में मृदा परीक्षण लैब खुलने से विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मिट्टी की जांच करने के अलावा विद्यार्थी संबंधित अन्य कोर्स भी कर सकेंगे। विद्यार्थियों को मिट्टी के प्रति नमूने की जांच के लिए 30 रुपये मिलेंगें। लैब के लिए कृषि विभाग के माध्यम से बायोलॉजी,फिजिक्स,केमिस्ट्री अध्यापक को प्रशिक्षित किया जाना है।
स्कूलों में जो विद्यार्थी दसवीं में पढ़ रहे हैं। वे उत्साहित हैं कि उन्हें 11वीं कक्षा में जाने पर मृदा जांच का मौका मिलेगा। एक लैब में करीब एक हजार किट भेजी गई हैं।
निदेशालय की ओर से प्रदेश के 127 राजकीय शिक्षण संस्थानों में मिट्टी जांच के लिए मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी। कृषि और किसान कल्याण विभाग हरियाणा ने सीखो और कमाओ कार्यक्रम के तहत योजना शुरू की है। इसके तहत सरकारी स्कूल व कॉलेजों के विद्यार्थियों को खेत की मिट्टी के सैंपल की जांच करनी है।
किसान सीधे तौर पर भी संबंधित स्कूल में जाकर अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा सकता है। सरकार के आदेशानुसार प्रत्येक मिनी टेस्टिंग लैब में कम से कम एक हजार सैंपल की जांच करवानी अनिवार्य है।
अधिकारी प्राचार्यों के साथ समन्वय करेगा
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जिन स्कूलों में मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी। । वहां के संबंधित क्षेत्र का मृदा परीक्षण अधिकारी प्राचार्यों के साथ समन्वय करेगा। लैब में एक हजार सैंपलों की व्यवस्था एसटीओ की ओर से करवाई जाएगी। विद्यार्थियों द्वारा मिट्टी के सैंपलों की जांच के बाद एसटीओ जांच की दोबारा जांच करेगा। इसके बाद एसटीओ इन मिट्टी की सैंपलों की जांच आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करेगा।