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सीडीएलयू में प्रतिभा खोज कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिभा

सीडीएलयू के विद्यार्थियों में छिपी हैं नायाब प्रतिभाएं – वीसी

 
सीडीएलयू में प्रतिभा खोज कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिभा

Mhara Hariyana News, Sirsa

सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने से विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास होता है। शैक्षणिक संस्थान में विद्यार्थियों को अपनी रुचि अनुसार सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हुए अपने हुनर को निखारना चाहिए। जो विद्यार्थी प्रतिभा को निखारने वाले इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं वो बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता उनके कदम चूमती है। उन्होंने कहा कि सीडीएलयू के विद्यार्थियों में नायाब प्रतिभाएँ छिपी हैं और विश्वविद्यालय इन प्रतिभाओं को निखारने और मंच प्रदान करने का कार्य बखूबी कर रहा है।

सीडीएलयू में प्रतिभा खोज कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिभा

ये विचार चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने युवा कल्याण निदेशालय द्वारा आयोजित प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के उपरांत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। निदेशालय ने इस बार प्रतिभा खोज प्रतियोगिता थीम चंद्रयान-3 की सफलता पर आधारित रखा है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के युवा कल्याण निदेशालय युवा पीढ़ी की ऊर्जा को चैनेलाइज करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। इसके लिए निदेशालय की पूरी टीम बधाई की पात्र है। प्रो. मलिक ने कहा कि वर्तमान भूमंडलीकरण के युग में विद्यार्थियों को अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए और मानसिक तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सक्रियता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीक पर अधिक निर्भर होने की वजह से विद्यार्थियों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से युवाओं में अनेक प्रकार की व्याधियों भी देखने को मिलती हैं। इनसे बचने के लिए स्क्रीन टाइम का प्रबंधन विद्यार्थियों द्वारा किया जाना चाहिए तथा टाइम मैनेजमेंट करते हुए अपनी दिनचर्या को बेहतर बनाना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजेश बंसल ने विद्यार्थियों को सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। युवा कल्याण निदेशक डॉ मंजू नेहरा द्वारा मुख्य अतिथि तथा अन्य मेहमानों का स्वागत किया गया व कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नृत्य तथा संगीत की प्रतियोगिताओं में 250 से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण करवाया। विद्यार्थियों के पंजीकरण में डॉ विकास नैन तथा डॉ किरण ने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा मोनो एक्टिंग, पेंटिंग, काव्यात्म संगोष्ठी, मिमिक्री, प्लेइंग इंस्ट्रूमेंट, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी, पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में 180 से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण करवाते हुए अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि न्यू इंडिया ऑन मून, न्यू फ्लाइट ऑफ न्यू इंडिया व भारतीय ज्ञान प्रणाली आदि विषयों पर आधारित विभिन्न विधाओं में प्रदर्शन करते हुए विद्यार्थियों ने दर्शकों को आत्ममुग्ध कर दिया।

हरियाणवी नृत्य तथा सोलो नृत्य के माध्यम से भारत की विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन कलाकारों द्वारा किया गया और विद्यार्थी भी कार्यक्रम में प्रस्तुतियों पर झूमते हुए नजर आए। इस अवसर पर प्रो. जोगिंदर दूहन, प्रो. निवेदिता, डॉ रोहताश, डॉ राजकुमार, डॉ विनोद, डॉ हरदेव, डॉ अमरीक, डॉ कपिल, डॉ रघुविंद्र, डॉ दीपक तुलसी अनुपम, ब्रह्मजीत  आदि ने निर्णायक मंडल की भूमिका अदा की।