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स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं में छिपा है सफल जीवन का मूल मंत्र: ढींडसा

स्वामी विवेकानंद जी आज भी युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत और आदर्श - डॉ. ढींडसा 

 
स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं में छिपा है सफल जीवन का मूल मंत्र: ढींडसा 

सिरसा : जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय  के सभागार कक्ष में स्वामी विवेकानंद जी के 161वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भाषण  और स्लोगन लेखन प्रतियोगिताओं  का आयोजन किया गया, जिसमें जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश द्वारा की गई। सर्वप्रथम कॉलेज के प्राचार्य द्वारा मुख्य अतिथि को हरा पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। इस मौके पर  मुख्य अतिथि एवं कॉलेज के प्राचार्य, अन्य अतिथियों, समस्त स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थियों द्वारा उनकी  प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए गए।   

स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं में छिपा है सफल जीवन का मूल मंत्र: ढींडसा 

  सर्वप्रथम अपने संबोधन में डॉ. जयप्रकाश ने मुख्य अतिथि एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन का संक्षिप्त परिचय प्रदान करते हुए बताया कि स्वामी जी के जीवन में विवेक सूत्र, बल, श्रद्धा, सेवा, त्याग,आत्मसंयम इत्यादि गुणों को अपने आचार-विचार में समाहित किया हुआ था। स्वामी जी की ओजस्वी वाणी युवाओं के मन में एक नई ऊर्जा का संचार करती थी। डॉ. जयप्रकाश ने कहा कि उनका जीवन युवाओं को आगे बढऩे की प्रेरणा देने के साथ-साथ अंतर्निहित आत्मविश्वास, साहस, स्वावलम्बन, प्रेमभाव, सहानुभूति एवं नैतिकतापूर्ण अपना जीवनयापन करने की क्षमता प्रदान करता है। उनका जीवन हमें कठिनाइयों और असहाय परिस्थितियों के समय सही पथ-प्रदर्शन करने में भी सहायक है। स्वामी जी का योगदान बेजोड़ है, उनका योगदान प्रत्येक कार्य में अविस्मरणीय है। 

     बतौर मुख्यातिथि अपने संबोधन में सर्वप्रथम डॉ. ढींडसा  ने समस्त युवाओं को स्वामी जी के जन्मदिवस की बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि युवा वास्तव में वही है जो देश के मान-सम्मान एवं राष्ट्रहित में अपनी सोच रखता है तथा अपनी शक्ति की वास्तविकता में पहचान करके बेहतर कार्य करता है।  डॉ. ढींडसा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन सादा तथा विचार उच्च थे तथा उन्होंने एक प्रेरणा प्रदान की थी उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये । उन्होनें कहा कि युवाशक्ति समाज को सही दशा व दिशा प्रदान करता है तथा सच्चे अर्थों में युवा ही समाज सुधारक एवं राष्ट्र निर्माता होते हैं, इसलिए युवाओं को सदैव राष्ट्रहित के बारे में सोचना चाहिए तथा अपने लक्ष्य को हासिल करने हेतु ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक प्रयास करने चाहिए। युवाओं को निरर्थक बातों की ओर ध्यान न देते हुए सदा सकारात्मक रवैया अपनाते हुए बेहतर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की  शिक्षाओं में सफल जीवन का मूल मंत्र छिपा है।

डॉ. ढींडसा  ने कहा कि स्वामी जी द्वारा स्थापित किया गया शांति निकेतन संस्थान सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान है। उन्होंने कहा कि युवाओं में देशभक्ति, कर्तव्य परायणता की भावना जागृत करनी चाहिए क्योंकि युवा ही हमारी संस्कृति की पहचान तथा राष्ट्र निर्माण में अह्म भूमिका अदा करते हैं। डॉक्टर ढींडसा ने  कहा कि आज का युवा अपनी दिशा भटक चुका है इसलिए उनको सही दिशा प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे राष्ट्र के हित में सही-गलत की बेहतर पहचान करके अपना अमूल्य योगदान प्रदान कर सकें तथा सच्चे अर्थों में राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग दे सकें। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी ऊर्जा की पहचान करनी चाहिए तथा उसका बेहतर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी जी धैर्य, त्याग व साहस की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने विदेशों में तत्वज्ञान की अद्भुत ज्योति प्रदान की तथा अध्यात्म विद्या और भारतीय दर्शन की शिक्षा विश्व को प्रदान करने का कार्य किया था इसलिए वे विश्वगुरु कहलाए थे।  स्वामी विवेकानंद जी ने सदैव युवाओं को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया था, जिसके चलते वे सदैव ही युवाओं के प्रेरणास्त्रोत रहे थे। 

निर्णायक मंडल में डॉक्टर राजेंद्र , डॉक्टर सतनारायण  द्वारा घोषित परिणामों में भाषण प्रतियोगिता में बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा मनीषा ने प्रथम स्थान तथा शोभना  ने द्वितीय और छात्र नवनीत सिंह  ने तृतीय स्थान हासिल किया। इस तरह स्लोगन प्रतियोगिता में डॉक्टर कंवलजीत कौर और राज पवन द्वारा निर्णायक मंडल की भूमिका अदा की । बीएड प्रथम वर्ष के छात्र  सुखपाल सिंह ने  प्रथम  और छात्रा नीलम ने द्वितीय तथा छात्रा दिया ने  तृतीय स्थान हासिल किया । 

 कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा विजेता विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र दिए गए। प्राचार्य द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । इस  अवसर पर कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। इस अवसर पर कॉलेज के समूचे स्टाफ सदस्य एवं समस्त विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे तथा स्वामी जी के जीवन से प्रेरणा हासिल की।