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गुरु गोविंद सिंह के वाक : ' निश्चय कर अपनी जीत करौं ' में निहित है सफलता का सार: ढींडसा

जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में दसवें गुरु ,गुरु गोविंद सिंह की जयंती धूमधाम से मनाई गई
 
गुरु गोविंद सिंह के वाक : ' निश्चय कर अपनी जीत करौं ' में निहित है सफलता का सार: ढींडसा

सिरसा : जेसीडी विद्यापीठ में स्थित जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय में  प्रकाश पर्व श्रद्धा पूर्वक  मनाया गया। गुरु गोविंद सिंह  जयंती के उपलक्ष्य पर  स्टाफ  एवं बीएड और एमएड के  विद्यार्थियों द्वारा  एक सुखमणि साहब पाठ करके लंगर का आयोजन किया गया I जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा  ने लंगर का उद्घाटन करने के बाद विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी I इस अवसर पर उनके साथ कुलसचिव डॉ सुधांशु गुप्ता, प्राचार्य डॉ जयप्रकाश के इलावा सभी प्राचार्य गण डॉक्टर अरिंदम सरकार , डॉक्टर अनुपमा सेतिया, डॉक्टर शिखा गोयल , डॉक्टर हरलीन कौर, डॉक्टर दिनेश कुमार के इलावा डॉक्टर कंवलजीत कौर , डॉक्टर अमरीक गील आदि उपस्थित रहे। सर्वप्रथम सुखमणि साहब का पाठ किया गया I उसके बाद  प्रसाद  तैयार कर प्रसाद और लंगर खिलाया गया । लंगर  तैयार करने में  प्राचार्य डॉ जयप्रकाश व डॉक्टर राजेंद्र  कुमार ने स्वयं बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर विद्यापीठ के सभी महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और लंगर भी खिलाया I  

The birth anniversary of the tenth Guru, Guru Gobind Singh was celebrated with pomp in JCD Educational College.

उद्घाटन अवसर पर डॉक्टर ढींडसा  ने कहा  गोबिंद सिंह जी ने हमेशा अन्याय और अत्याचारों का विरोध किया तथा पवित्र किताब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को पूरा किया। इन्होंने खालसा पंथ को स्थापित किया और लोगों को बताया कि कभी भी धन पर घमंड नहीं करना चाहिए। गरीबों को दान देना चाहिए। दुख और मुश्किल में पढ़े व्यक्तियों की हमेशा मदद करनी चाहिए। स्वयं को नशा और बुरी आदतों से बचाएं और अपने हर काम को पूरी लगन और निष्ठा से करें। गुरु गोबिंद सिंह जी ने हमेशा लोगों को निडर रहने को कहा। अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं। हमेशा नशे और तंबाकू के सेवन से दूर रहें। व्यक्ति को कभी भी किसी दूसरे की चुगली या निंदा नहीं करना चाहिए। किसी से भी ईर्ष्या करने के बजाए परिश्रम करना ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर आपने किसी को कोई वचन दिया है तो हर कीमत पर उस वचन को निभाना चाहिए। कमिटमेंट नहीं तोड़ना चाहिए।  व्यक्ति को अपने काम में खूब मेहनत करनी चाहिए। काम को लेकर कोताही कभी भी नहीं बरतनी चाहिए। गुरुबानी को कंठस्थ कर लें। हर व्यक्ति को अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा सदैव यही ध्येय रहता है कि हम विद्यार्थियों को सांस्कारिक‚ गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ-साथ अनुशासित नागरिक भी बनाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए विद्यापीठ  समय-समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन का करता रहता है I

The birth anniversary of the tenth Guru, Guru Gobind Singh was celebrated with pomp in JCD Educational College.

प्राचार्य डॉक्टर जयप्रकाश ने कहा कि आशीर्वाद मिले आपको गुरु का, जिंदगी बने आपकी निराली, आप पर गोबिंद सिंह की कृपा हो, उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह तुम हो प्राण प्यारे, तुम बिन जग से मुझे कौन तारे . उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में निपुण करना है ताकि वे कामयाबी हासिल कर सकें। इस अवसर पर विद्यापीठ के सभी कॉलेज के शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों ने लंगर खाया। पाठी सरदार अवतार सिंह जी व उनके बेटे को मुख्य अतिथि डॉ कुलदीप सिंह ढींडसा द्वारा सरोपा भेंट किया।