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देश के कितने बड़े नेताओ व बड़े बिज़नसमैनों के बेटों का बॉर्डर पर बलिदान हुआ- जयहिंद

 
देश के कितने बड़े नेताओ व बड़े बिज़नसमैनों के बेटों का बॉर्डर पर बलिदान हुआ- जयहिंद

आपको बता दे कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों और जवानों के बीच मुठभेड़ में बलिदान होने वाले पानीपत के लाल और वीर सपूत मेजर आशीष धौंचक पंचतत्व में विलीन हो गए हैं।

SIRSA NEWS

उनको आखिरी विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। आज हर किसी की आंखे गमगीन हैं। शहीद आशीष के पार्थिव शरीर को पुरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए गांव बिंझौल पहुंचाया गया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पैदल अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को ले जाते समय पानीपत में स्कूली छात्रों और स्थानीय लोगों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।


जयहिंद ने इस मौके पर कहा कि वे परिवार के हर दुख-सुख में साथ हैं । लेकिन आखिर कब तक हमारे देश के जवान शहीद होते रहेंगे, बलिदान देते रहेंगे | कभी नेताओं - बिजनेसमैन के बच्चे फ़ौज में क्यों नहीं जाते, कभी उनके बच्चे शहीद हो तो उन्हें पता चले एक परिवार का दुःख , एक माँ का अपने बेटों को खोने का दुःख |

नेताओ , मन्त्रियों को  कुल्लू -मनाली की जगह एक -एक महीना बोर्डर पर जाना चाहिए | नेताओ , MP , MLA को भी अपने बच्चों को फ़ौज में भर्ती करना चाहिए | 

 शहीद किसी जाति - बिरादरी क्षेत्र का नहीं होता है ।

वही नवीन जयहिंद ने इस मौके पर कहा कि शहीदों की तेरहवी से पहले उनके परिजनों के तक सरकार की सुविधाए पहुंच जानी चाहिए, क्योंकि जवानों का देश की रक्षा में अहम योगदान है और एक शहीद जवान अपने पीछे अपने घर-परिवार को छोड़कर देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देता है। वीर जवानों के बदौलत ही देश की जनता चैन की नींद सो पाती है ।

जयहिंद ने कहा कि हमारे देश के जवानों की बदौलत ही देश की जनता चैन से सोती हैं देश के जवानों का देश की रक्षा में अहम योगदान हैं जयहिंद ने कहा की जवान, किसान और विज्ञान किसी भी देश की रीढ़ होते हैं जिनके कंधों पर ही देश का भार टिका होता हैं जिस तरह किसान देश का पेट भरता हैं उसी तरह देश का जवान पहरी बनकर देश की सीमाओं पर देश की रक्षा करता हैं

साथ ही जयहिंद ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से अपील की कि शहीद का परिवार राष्ट्र परिवार होता है। शहीद देश के लिए अपनी जान देकर अपने पीछे अपने परिवार को छोड़ कर जाता है। तो सरकारें जिस तरह से क्रिकेटरों पर पैसे लुटाती है और उन्हें करोड़ों रुपए का इनाम देती है उसी तरह जवानों को और उनके आश्रितों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए। शहीद के परिवार को "राष्ट्र परिवार"  बनाये और उन्हें आर्थिक मदद दी जाए |