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समाज व परिवार की धूरी होती है महिला: बिमला कसवां

धौलपालिया स्कूल में आयोजित रोल मॉडल कार्यक्रम में छात्राओं को किया जागरूक
 
समाज व परिवार की धूरी होती है महिला: बिमला कसवां

सिरसा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धौलपालिया में रोल मॉडल कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें रोल मॉडल के रूप में बिमला कसवां पधारे। बिमला कसवां महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण है। उन्हें ब्लड वूमन ऑफ  इंडिया भी कहा जाता है। उन्होंने 53 बार रक्तदान किया है, जोकि एक रिकॉर्ड है। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व आबादी का आधा भाग हमारा है, जिसके कारण हमें अपनी शक्ति और सामथ्र्य को पहचानने की आवश्यकता है।

समाज व परिवार की धूरी होती है महिला: बिमला कसवां

21वीं सदी महिलाओं की सदी है, यदि हम पढ़ लिखकर आगे बढ़ेंगी तभी देश और समाज उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। महिला समाज और परिवार की धूरी होती है, जिसके कारण समाज के निर्णयों में भी उसकी अग्रणी भूमिका होती है। हमें हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का परिचय देना होगा। तभी एक समावेशी समाज बनेगा, आप छात्राएं देश का भविष्य हैं। आप पर नए भारत की जिम्मेवारी है, इसलिए आप पढ़ाई और समाज सेवा में अपनी भूमिका का निर्धारण कीजिए और अपने-अपने सपनों को साकार कीजिए। इस अवसर पर एएनएम जसवीर ने छात्राओं को स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रोशनी देवी ने पोषाहार के बारे में बताया। कविता शर्मा ने इस अवसर पर छात्राओं को तनाव रहित रहने के टिप्स बताए, ताकि उनमें परीक्षा को लेकर कोई भी तनाव न रहें। कार्यकारी प्राचार्य द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया। इस अवसर पर अतुल, भीमसैन कुलवंत कसवां, विजय कुमार, लखविंद्र, नरेश, सीमा, किरण, अनिता व रवि उपस्थित रहे।