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60 साल की उम्र में भी दिमाग रहेगा स्वस्थ, बस करिए ये एक काम, अल्जाइमर रोग का भी कम होगा खतरा

 
60 साल की उम्र में भी दिमाग रहेगा स्वस्थ, बस करिए ये एक काम, अल्जाइमर रोग का भी कम होगा खतरा

Mhara Hariyana News, New Delhi : उम्र बढ़ने के साथ कई प्रकार की physical और neurological Health समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ जाता है। यही कारण कि इस उम्र के बाद अधिकतर लोगों को याददाश्त की कमी और निर्णय लेने की क्षमता में परेशानी होने लगती है। alzheimer's और डिमेंशिया जैसे रोगों का खतरा भी 60 की उम्र के बाद काफी बढ़ जाता है। Health विशेषज्ञ कहते हैं, इस तरह के जोखिमों से बचाव के लिए जरूरी है कि आप कम उम्र से ही इसके लिए प्रयास करते रहें। आहार और दिनचर्या को ठीक रखकर आप मस्तिष्क से संबंधित इन समस्याओं के खतरे को कम कर सकते हैं।

इसी से संबंधित एक हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि युवावस्था से ही अगर दिनचर्या को ठीक रख लिया जाए तो यह भविष्य में alzheimer's जैसी गंभीर Health समस्याओं के खतरे को कम करने वाली हो सकती है। इस अध्ययन में नियमित व्यायाम की आदत बनाने पर जोर दिया गया है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप रोजाना 20-30 मिनट के व्यायाम की आदत बना लेते हैं तो यह संपूर्ण Health के लिए लाभकारी हो सकता है। 

व्यायाम से alzheimer's रोग में मिलता है लाभ
पीर रिव्यूड साइंटफिक जर्नल सेल में हाल ही में प्रकाशित अध्ययन में  वैज्ञानिकों ने बताया कि जब हम व्यायाम करते हैं तो इससे आइरिसिन नामक हार्मोन का उत्पादन होता है जिसे alzheimer's जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने वाला पाया गया है।

आइरिसिन हार्मोन, नेप्रिल्सिन को बढ़ाता है जो मस्तिष्क को क्षति पहुंचाने वाले असामान्य प्रोटीन अमाइलॉइड बीटा से मुकाबला करता है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि इस प्रोटीन की अधिकता alzheimer's के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है। मसलन अगर आप व्यायाम की आदत बनाते हैं तो यह इस प्रकार के जोखिमों को कम करने में आपके लिए सहायक है।

आइरिसिन हार्मोन का मस्तिष्क पर असर
अध्ययनकर्ता कहते हैं, इस शोध की रिपोर्ट से ये तो साबित नहीं होता है कि व्यायाम करने से alzheimer's के रोगियों की स्थिति में सुधार होता है। हालांकि यह एक तरीका जरूर है जिससे कि आप अपने जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि व्यायाम करने से मेटाबॉलिज्म मार्करों में सुधार होता है।

यह अध्ययन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पता चलता है कि आईरिसिन, किस प्रकार से इंफ्लामेशन को कम करने में मददगार हो सकता है और अमाइलॉइड बीटा को ठीक करने में मदद करता है। वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती इस रोग की स्थिति से बचाव में इन तथ्यों को समझने से मदद मिल सकती है। 

क्या कहते हैं शोधकर्ता?
शोधकर्ताओं ने बताया आइरिसिन हार्मोन, वास्तव में अमाइलॉइड बीटा प्लाक को साफ करने में मदद करता है, जिससे ब्रेन के डिजनरेशन को कम किया जा सकता है। दिनचर्या को योग के सामान्य अभ्यास को शामिल करके भी इस लाभ को प्राप्त किया जा सकता है। आइरिसिन हार्मोन, शरीर के लिए और भी कई प्रकार से महत्वपूर्ण है, जो  ग्लूकोज और लिपिड को भी नियंत्रित करता है। 

व्यायाम को जरूर बनाएं दिनचर्या का हिस्सा
Health विशेषज्ञ कहते हैं, दिन में लगभग 30 मिनट का व्यायाम भी उपयोगी होता है। एरोबिक व्यायाम जैसे सामान्य रूप से वॉकिंग आदि से भी आप Health लाभ पा सकते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म और रक्त प्रवाह में भी सुधार करने में लाभ मिल सकता है। अध्ययन में इस बात का जिक्र नहीं है कि किस प्रकार के व्यायाम से आपको लाभ मिला है, आप सामान्य अभ्यास की मदद से भी इसके लाभ मिल सकता है।