logo

यूएनजीए में पाकिस्तान को लताड़: भारत ने कहा- बंद हो मंच का दुरुपयोग, हमारे क्षेत्र पर अवैध कब्जे तुरंत खाली करें

 
यूएनजीए में पाकिस्तान को लताड़: भारत ने कहा- बंद हो मंच का दुरुपयोग, हमारे क्षेत्र पर अवैध कब्जे तुरंत खाली करें

Mhara Hariyana News, New Delhi : संयुक्त राष्ट्र महासभा में Pakisthan के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर की तरफ से Jammu Kasmir का मुद्दा उठाए जाने को लेकर भारत ने पलटवार किया है। काकर ने शुक्रवार को दिए अपने भाषण में कहा था कि कि Jammu Kasmir मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुद्दों में से एक है। 

उन्होंने Kasmir को दोनों देशों के बीच शांति की कुंजी बताया था। अब इस पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेतल गहलोत ने Pakisthan को करारा जवाब दिया है। उन्होंने Pakisthan को घेरते हुए सबसे पहले उससे भारत के अवैध तरीके से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करने के लिए कहा। साथ ही Pakisthan से 26-11 हमलों के अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया।

यूएनजीए में क्या बोलीं भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेतल गहलोत ने कहा, "भारत के खिलाफ आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण प्रोपेगैंडा फैलाने के मामले में Pakisthan इस अगस्त फोरम के गलत इस्तेमाल का आदतन अपराधी बनता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश और अन्य बहुपक्षीय संस्थानों को अच्छी तरह से पता है कि Pakisthan यह सब सिर्फ अपने बेहद खराब घरेलू मानवाधिकार के रिकॉर्ड से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटाने के लिए यह सब करता है।

हम यह दोहराना चाहते हैं कि Jammu Kasmir और लद्दाख का हिस्सा भारत का अभिन्न अंग हैं और इनसे जुड़े सभी मुद्दे भारत के आंतरिक हैं। Pakisthan को भारत के घरेलू मुद्दों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। 


पेतल गहलोत ने Pakisthan को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "एक देश के तौर पर दुनिया में सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों में शुमार, खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के मामले में, Pakisthan को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने से पहले अपने घर को संभालना चाहिए। Pakisthan में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का सबसे स्पष्ट उदाहरण अगस्त 2023 में फैसलाबाद जिले के जारनवाला में ईसाई समुदाय के खिलाफ हुई निर्दयता में देखने को मिलता है, जहां 19 गिरजाघरों के साथ ईसाइयों के 89 घरों को भी जला दिया गया।"

इतना ही नहीं Pakisthan में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं की स्थिति, खासकर हिंदू, सिखों और ईसाइयों की स्थिति बेहद खराब है। हाल ही में Pakisthan के अपने मानवाधिकार आयोग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि देश में हर साल अल्पसंख्यक समुदाय की अनुमानित 1,000 महिलाओं का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह होता है। Pakisthan दुनिया में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित आतंकी संगठनों और लोगों का संरक्षक है। 

दक्षिण एशिया में शांति के लिए त्रिस्तरीय कार्रवाई करे Pakisthan 
भारत की तरफ से आगे कहा गया, "Pakisthan के साथ तकनीकी कुतर्कों में उलझने के बजाय हम उससे मुंबई हमलों के अपराधियों पर विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाी करने की मांग करते हैं। 26-11 के पीड़ित 15 साल बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। दक्षिण एशिया में शांति के लिए जरूर है कि Pakisthan जो कार्रवाई कर रहा है, वह तीन हिस्सों में हो।

पहला- बॉर्डर पार आतंक फैलाना बंद करे और आतंकवाद से जुड़े अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को तुरंत बंद करे। दूसरा- अवैध तरह से और जबरन कब्जाए गए भारत के क्षेत्रों को खाली करे। तीसरा- Pakisthan अपने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले मानवाधिकार उल्लंघन पर रोक लगाए।"