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पुलिस की नौकरी त्यागकर जिस स्कूल में पढ़े, वहीं शुरू किया शिक्षक का सफर

शिक्षा के क्षेत्र में अह्म भूमिका निभा रहे हैं डा. देव कंबोज 
 
kamboj

Mhara Hariyana News, Sirsa

5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर विशेष:

सिरसा। स्कूल सौंदर्यकरण, खेलों में अग्रणी व शिक्षा में गुणवता प्राप्त करने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भरोखां के शारीरिक शिक्षा शिक्षक डा. देव कम्बोज का नाम शिक्षा में उल्लेखनीय है। दस विषयों में स्नातकोतर, तीन विषयों में स्नातक, यूजीसी नेट, तीन विषयों में हरियाणा अध्यापक पात्र परीक्षाएं, लोक प्रशासन विषय में एम.फिल व पी.एच.डी. डिग्री प्राप्त करने व एक दर्जन से ज्यादा विषयों में शोधपत्र लिखने के साथ-साथ शिक्षा के सुधार में सैमीनार दे चुके शिक्षक देव कम्बोज की शिक्षा के क्षेत्र में एक अह्म भूमिका है। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण इनमें विद्यमान हैं। वे स्कूली बच्चों एवं शिक्षकगणों द्वारा की जाने वाली सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।

पुलिस में नौकरी करते  सपना संजोया था कि   जहां से  स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी, वही सेवाएं देकर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी करेंगे
जिला सिरसा के गांव बरूवाली-प्रथम में जन्मे देव कम्बोज ने हरियाणा पुलिस में नौकरी करते वक्त सपना संजोया था कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भरोखां जहां से उन्होंने स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी, वही अध्यापक पद पर सेवाएं देकर स्कूल को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रखने का काम करेंगे। उन्होंने शिक्षा के प्रति अपने लगाव को निरंतर गति देते हुए पुलिस की नौकरी से त्याग-पत्र देकर शिक्षा के क्षेत्र को ही अपना कर्मक्षेत्र बनाया। जेसीडी मैमोरियल कॉलेज सिरसा में सहायक प्रोफेसर के पद पर इन्होंने अपनी सेवाएं देने के पश्चात् ग्रामीण स्कूल शिक्षा के पिछड़ेपन को दूर करने में भूमिका निभाने का संकल्प लिया।


विद्यालय के प्राचार्य चन्द्र प्रकाश कम्बोज को अपना आदर्श मानते हुए स्कूल को सौंदर्यकरण में प्रथम स्थान पर लाना व स्कूली बच्चों को खेलों में उच्च स्थान पर लेकर जाना देव कम्बोज की अच्छी सोच का परिचय है। डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, स्वामी विवेकानंद व पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा एवं जिंदगी में अनुशासन की पालना करने को देव कम्बोज हमेशा प्राथमिकता देते हैं।

शिक्षक दिवस संदेश  

शिक्षक दिवस पर उनका संदेश है कि शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं हैं, बल्कि हमें अच्छे और बुरे के बीच का फर्क भी समझाते हैं। हम सभी अपने शिक्षकों को सदैव सम्मान करना चाहिए और जीवन में उनके बताए हुए रास्ते पर ही चलना चाहिए। विद्यार्थी का भविष्य निर्माण करने में शिक्षक की अह्म भूमिका होती है। शिक्षक ही अपने छात्र के अंदर का आत्मविश्वास बढ़ाता है तथा विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
फोटो: डा. देव कंबोज