Chandrayaan 3: ये हैं ISRO के 9 रत्न, जिन्होंने तैयार किया चंद्रयान -3 , कई सालों की रात- दिन की कड़ी मेहनत से मिली सफलता

Chandrayaan 3: चंद्रयान -3 को इसरो के 9 रत्नों ने कई सालों तक दिन- रात कड़ी मेहनत करके तैयार किया है। आइए इनके बारे में जानते हैं।
Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 3.8 लाख किलोमीटर की दूरी तय करके आज चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि शाम 5:44 मिनट पर चंद्रयान-3 के सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। चंद्रयान -3 को इसरो की 9 वैज्ञानिको ने कई सालों तक दिन रात कड़ी मेहनत करके तैयार किया है। आइए इनके बारे में जानते हैं।
इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ
मिशन मून में इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने उन 9 रत्नों में से एक हैं जो, इस मिशन में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है। उनकी अगुवाई में ही ये पूरा मिशन चलाया गया है। इसरो अध्यक्ष सोमनाथ चंद्रयान -3 को ऑर्बिट में पहुंचाने वाले रॉकेट को डिजाइन करने वाली टीम का हिस्सा हैं।
डॉक्टर उन्नीकृष्णन
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक डॉक्टर उन्नीकृष्णन नायर रॉकेट के निर्माणा अमूल्य योगदान दिया है। डॉक्टर उन्नीकृष्णन नायर एस भारत के पहले मानव मिशन की का नेतृत्व कर रहे हैं।
चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल
मिशन मून के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल ये जिम्मेदारी संभालने से पहले, इसरो हेडक्वाटर में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम ऑफिस में डिप्टी डॉयरेक्टर के पद पर काम किया है। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा तमिलनाडु के विल्लुपुरम के रेलवे स्कूल से प्राप्त की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।
मिशन डॉयरेक्टर मोहन कुमार
मिशन चंद्रयान -3 के मिशन डॉयरेक्ट मोहन कुमार विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के सीनियर साइंटिस्ट हैं। इन्होंने पहले LVM3-M3 मिशन पर वन वेब इंडिया 2 सेटलाइट के सफल कामर्सियल लॉन्च के लिए काम किया था।
एम शंकरन
एम शंकरन यू आर राव सैटेलाइट सेंटर के डॉयरेक्टर हैं। इन्होंने साल 2021में इसरो के सभी सेटेलाइट के डिजाइन, डेवलपमेंट, और कार्यान्वयन के लिए भारत के प्रमुख केंद्र यू आर राव सैटेलाइट सेंटर के डॉयरेक्टर के रूप में पद भार संभाला था।
वह वर्तमान में संचार, नेविगेशन, रिमोट सेंसिंग, मौसम विज्ञान और अंतर-ग्रहीय अन्वेषण जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपग्रह बिरादरी का नेतृत्व कर रहे हैं।
लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड चीफ ए राजराजन
ए राजराजन देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में भारत के प्रमुख स्पेसपोर्ट, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र SHAR में डॉयरेक्टर के पद पर तैनात हैं।
डॉ वी नारायणन
डॉ वी नारायणन लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर, थिरुवनंतपुरम के डॉयरेक्टर हैं। ये लिक्विड प्रोपल्शन इंजन और क्रायोजैनिक इंजन बनाने में एक्सपर्ट हैं।चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चांद पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए जिम्मेदार थ्रस्टर्स को डॉक्टर नारायणन ने ही विकसित किया है।
डॉक्टर कल्पना के और डॉक्टर एम वनिता
डॉक्टर कल्पना के मिशन मून की डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। वे बीते 4 साल से प्रोजेक्ट से जुड़ी हैं। डॉ एम वनिता चंद्रयान-2 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुकी हैं। वे इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स इंजीनियर हैं और भारत के किसी भी चंद्र मिशन का अगुवाई करने वाली पहली महिला हैं। इन दोनों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में नारी शक्ति के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।