logo

पिता और भाई का हो चुका देहांत, गांव वासियों ने निभाया दायित्व, सबने मिलकर भरा गांव की बेटी का भात

एक साथ सैकड़ों भातवियों को देखकर लोगों को आई नरसी भक्त के भात के किस्से की याद
 
 
n
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News, Sirsa, सिरसा। बेशक आधुनिकता की चकाचौंध में शहरों में एक कालोनी में रहने वाले लोग ही एक दूसरे को न जानते हो, परंतु असली भारत आज भी हमारे गांव में बसता है। जहां लोग आपस में एक दूसरे के सुख दुख में सहभागी होने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। ऐसी ही कुछ मिसाल देखने को मिली सिरसा जिला के साथ लगते राजस्थान क्षेत्र के गांव नेठराना में, जहां समूचे गांव के निवासियों ने एकत्रित होकर गांव की बेटी का भात भरा। भात भरने के लिए एक दो नहीं बल्कि 500 भातवी पहुंचे। गाड़ियों के लाव लश्कर को देखकर हर कोई हैरान रह गया। ग्रामीणों ने एकता का परिचय देते हुए दस लाख रुपये का भात भरा साथ ही शादी में लड़कियों के पहने के कपड़े, गहने इत्यादि भेंट स्वरूप दिये। गांव वासियों के अनूठे प्रयास को देखकर लोगों के दिलों में नरसी भक्त के उस धार्मिक किस्से की यादें ताजा हो गई, जिसमें नरसी भक्त अपनी बेटी का भात भरने जाते हैं तो उनके साथ स्वयं कृष्ण भगवान जाते हैं और भात भरते हैं। 

n

पिता और भाई का देहांत हुआ तो पूरा गांव पहुंचा भात भरने
जानकारी अनुसार राजस्थान के गांव नेठराना के जोरा राम बैनीवाल की बेटी मीरा का विवाह फतेहाबाद के गांव जांडवाला बागड़ में महाबीर माचरा के साथ हुआ था। शादी के बाद इनकी दो बेटियां सोनू और मीनू हुई। समय बीता और महाबीर माचरा व उनके पिता का भी देहांत हो गया। मीरा घर में अकेली थी। यही नहीं, मीरा के पीहर में भी उसके पिता जोराराम बैनीवाल का पहले ही देहांत हो गया था। मीरा का एकमात्र भाई संतलाल था, जो अविवाहित होने के चलते संत बन गया। संत लाल के देहांत के बाद ग्रामीणों ने गांव नेठराना में ही उसकी समाधि बना दी गई। 

अपनी दोनों बेटियों का खुद लालन पालन किया
ग्रामीणों के अनुसार मीरा ने अपनी दोनों बेटियों का खुद लालन पालन किया। बुधवार को इन दोनों बेटियों की शादी थी। मीरा देवी ने अपनी बेटियों की शादी गांव बनगांव व राजस्थान के राजगढ़ के पास स्थित गांव बिरमी पट्टा में तय की। शादी की रस्म के अनुसार पीहर में अब भात न्योत्ने के लिए कोई नहीं था तो मीरा देवी गांव नेठराना में स्थित अपने भाई की समाधि पर जाकर वहां पर टीका लगाकर भात न्यौत दिया। इस दौरान नेठराना गांव के मौजिज लोग भी वहां एकत्रित हो गए। 

500 भाती ढोल नगाड़ों के साथ गांव जांडवाला पहुंचे
इसके बाद गांव नेठराना के ग्रामीणों ने निर्णय किया कि गांव के लोग गांव की बेटी मीरा की बेटियों की शादी में भात भरने के लिए जाएंगे। बुधवार को जब मीरा भातवियों का इंतजार कर रही थी तो गाडिय़ों का हुजुम भात करने के लिए पहुंचा। उसके पीहर से एक-दो नहीं बल्कि करीब 500 भाती ढोल नगाड़ों के साथ गांव जांडवाला पहुंचे। गांव में एक साथ सैकड़ों लोगों को देखकर हर कोई हैरान था। वहीं अपने गांव से आए सैकड़ों भातवियों को देखकर मीरा भावुक हो गई। उसकी बेटियों मीनू व सोनू की आंखों से आंसू निकल आए। भातियों ने यहां वो हर रस्म अदा की, जोकि मामा करता है। ग्रामीणों ने करीब 10 लाख रुपए का भात भरा गया। चारों ओर इस अनोखे भात को लेकर भावुक माहौल बना हुआ था। 

ग्रामीण भी इस अनोखे भात की तारीफ करते नहीं रुक रहे थे
गांव नेठराना के एक-एक ग्रामीण ने अपनी इच्छानुसार भात दिया। गांव जांडवाला बागड़ सहित आसपास के ग्रामीण भी इस अनोखे भात की तारीफ करते नहीं रुक रहे थे। भातियों के स्वागत व टीका करने में मीरा को कई घंटे लगे। भात भरने के लिए आए नेठराना के ग्रामीणों ने बताया कि वैसे तो पूरा गांव ही इस भात में आना चाहता था, लेकिन ज्यादा भीड़ ना हो इसलिए हम अपने साधनों के साथ ही गांव में आए हैं। उनका कहना था कि भले ही मीरा का परिवार गांव में नहीं है, लेकिन पूरा गांव मीरा का परिवार है और वो गांव की बेटी है। आज गांव वासियों ने अपनी दो भांजियों की शादी में भात भरकर अपना दायित्व निभाया है।