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china border पर 65 में से 26 patrolling points पर खोया अधिकार, क्या Buffer जोन भी India में?

 
china border पर 65 में से 26 patrolling points पर खोया अधिकार, क्या Buffer जोन भी India में?

Mhara Hariyana News, New Delhi
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान congress MP Manish Tiwari ने China से लगती सीमा पर patrolling points को लेकर मोदी Govt. से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा, क्या China Border पर 65 में से 26 patrolling points से हमने अपना अधिकार खो दिया है। क्या 'Buffer' जोन भी India की जमीन में बने हैं। 

India और China के बीच सैन्य वार्ता के 18 राउंड पूरे होने के बाद क्या नतीजा निकला है। हमारे बहादुर जवान, China का मुकाबला कर रहे हैं। दूसरी तरफ China के साथ India का व्यापार बढ़ता जा रहा है। तिवारी ने पूछा, क्या आक्रमण करने के पैसे हम China को दे रहे हैं।

China के अवैध कब्जे जैसी स्थिति सामने आई
जनवरी में दिल्ली में आयोजित डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन में एक विस्तृत सिक्योरिटी रिसर्च पेपर में India के क्षेत्र पर China के अवैध कब्जे जैसी स्थिति सामने आई थी। उस पेपर में कई तरह के खुलासे हुए थे। Manish Tiwari ने मंगलवार को लोकसभा में उसी सम्मेलन का हवाला देते हुए पूछा था कि India ने 65 patrolling points (पीपी) में से 26 patrolling points पर क्या अपना अधिकार खो दिया है। 

उस रिपोर्ट में कहा गया था कि मई 2020 से पहले India सभी 65 patrolling points पर पेट्रोलिंग करता था। गलवान में मई 2020 के दौरान ही India के 20 बहादुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन में PM Modi, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहCar अजीत डोभाल ने भाग लिया था।

रिसर्च पेपर में हुए थे कई खुलासे
रिपोर्ट में कहा गया था कि India ने अब 65 patrolling points (पीपी) में 26 patrolling points पर अपना अधिकार खो दिया है। मई 2020 से पहले India सभी 65 patrolling points पर पेट्रोलिंग करता था। पेपर में कहा गया, वर्तमान में, काराकोरम दर्रे से लेकर चुमुर तक 65 पीपी हैं, जिन्हें ISF (Indian सुरक्षा बल) द्वारा नियमित रूप से गश्त किया जाना है। 

65 पीपी में से, 26 पीपी (यानी पीपी नंबर 5-17, 24-32, 37, 51,52,62) में हमारी उपस्थिति प्रतिबंधात्मक या ISF (Indian सुरक्षा बलों) द्वारा गश्त नहीं करने के कारण खो गई है। बाद में China, India को यह तथ्य स्वीकार करने के लिए मजबूर करता है कि इन क्षेत्रों में लंबे समय से ISF या नागरिकों की उपस्थिति नहीं देखी गई है।

India इन क्षेत्रों पर नियंत्रण खो देता है 
इसके बाद Indian सीमा की ओर ISF के नियंत्रण वाले सीमा क्षेत्र में बदलाव होता है। ऐसे सभी पॉकेट को Buffer जोन बना दिया जाता है, जिससे India इन क्षेत्रों पर नियंत्रण खो देता है। इंच दर इंच जमीन हड़पने की पीएलए की इस चाल को 'सलामी स्लाइसिंग' के नाम से जाना जाता है। 

रिसर्च पेपर में कहा गया है कि सितंबर 2021 तक, जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी डीबीओ सेक्टर में Carाकोरम दर्रे (दौलत बेग ओल्डी से 35 किमी) तक आसानी से गश्त कर रहे थे। हालांकि, दिसंबर 2021 में Indian Army द्वारा डीबीओ पर चेक पोस्ट के रूप में स्वतः प्रतिबंध लगाए गये थे, जिससे Carाकोरम पास तक जाने की रोक लग जाए।

करीब के क्षेत्रों में उद्यम करते हैं
बिना फेंस वाली सीमाएं चांगथांग क्षेत्र (रेबोस) के खानाबदोश समुदाय के लिए चरागाह के रूप में काम कर रही थी। समृद्ध चरागाहों की कमी को देखते हुए, वे परंपरागत रूप से पीपी के करीब के क्षेत्रों में उद्यम करते हैं। पेपर में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि '2014 के बाद से, ISF द्वारा रेबोस पर चराई प्रतिबंध लगाया गया है।

Indian सैनिकों को विशेष रूप से पीएलए द्वारा आपत्ति की जा सकने वाली उच्च पहुंच पर रेबोस की आवाजाही को रोकने के लिए भेष बदलकर तैनात किया जाता है। इसी तरह डेमचोक, कोयल जैसे सीमावर्ती गांवों में विकास कार्य, पीएलए की प्रत्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में हैं। वहां पर पीएलए द्वारा तुरंत आपत्ति जताई जा सकती है।