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गुजरात में बीजेपी की गौरव यात्रा जरूरी या मजबूरी, आदिवासी वोट पाने की जुगत कितना काम करेगी

BJP's Gaurav Yatra in Gujarat is necessary or compulsion, how much work will be done to get tribal votes

 
BJP's Gaurav Yatra in Gujarat is necessary or compulsion, how much work will be done to get tribal votes
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Mhara Hariyana News: 

गुजरात की चुनावी डगर पर भाजपा अब सरपट दौड़ रही है, पीएम मोदी के ताबड़तोड़ दौरों के ठीक बाद गुजरात की विकास यात्रा का दांव निश्चित तौर पर गुजरात चुनाव में जीत का दावा पुख्ता करने की कोशिश है. खास बात ये है कि ये बीजेपी की तीसरी गौरव यात्रा है, इसका रूट मैप ऐसा है जो गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से 144 सीटों को कवर कर रहा है, यानी की भाजपा की कोशिश है कि चुनाव की घोषणा से पहले वह गुजरात की ज्यादा से ज्यादा सीटों को कवर कर ले, ताकि अपनी बात लोगों तक पहुंचाई जा सके.


यह इस बात का भी संकेत है कि गुजरात जीतने के लिए बीजेपी अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसके अलावा यात्रा के माध्यम से भाजपा एक तीर से दो निशाने लगाना चाहती है, पहला आदिवासी वोटों को अपनी तरफ करना और दूसरा लोगों को गुजरात की विकास यात्रा से परिचित कराना.

जेपी नड्डा ने दिखाई हरी झंडी, ऐसा है रूट मैप
भाजपा की और से पांच अलग-अलग गौरव यात्राएं निकाली जाएंगी, इनमें बुधवार को जेपी नड्डा ने मेहसाणा जिले के बहुचराजी से कच्छ जिले के माता नो मढ़ तक जाने वाली और द्वारका से पोरबंदर तक जाने वाली यात्राओं को हरी झंडी दिखाई, तीसरी यात्रा अहमदाबाद जिले के जंजरका से अहमदाबाद के सोमनाथ तक जाएगी, चौथी यात्रा गुजरात के नवसारी जिले के उनई से दक्षिण गुजरात के खेड़ा जिले स्थित फगवेल तक और पांचवीं यात्रा उनई से अंबाजी तक जाएगी.

भाजपा के संकल्प सिद्धि में होगी सहायक
BJP ने इस बार गुजरात में 150 से ज्यादा सीटें लाने का संकल्प लिया है, खुद अध्यक्ष जेपी नड्डा इस बात का ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में गौरव यात्रा अगले 10 दिन में कुल 182 सीटों में से 144 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी, बीजेपी के केंद्रीय नेता और राज्य के बड़े नेता समय-समय पर यात्रा के साथ चलेंगे. यह यात्रा 5734 किमी लंबी होगी, इस दौरान 145 पब्लिश मीटिंग रखी जाएंगी. बीजेपी की कोशिश है कि वह गुजरात में अब तक सर्वाधिक 149 सीटें लाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड बनाए.

आदिवासी वोट बैंक पर नजर
सबसे लंबी गौरव यात्रा उनई से अंबाजी तक निकाली जाएगी जो तकरीबन 490 किमी की दूरी तय करेगी. इस रूट पर सर्वाधिक आदिवासी आबादी के प्रभाव वाली विधानसभाएं पड़ती हैं, इसके अलावा उनई से फगवेल रूट भी आदिवासी बेल्ट के लिए जाना जाता है, भाजपा का प्रयास है कि किसी भी तरह आदिवासी वोट बैंक को अपने पाले में खींचा जाए, क्योंकि अब तक आदिवासी वोट पर कांग्रेस का प्रभाव ज्यादा माना जाता है, पिछले चुनाव में भी एसटी आरक्षित 27 सीटों में से भाजपा महज 9 पर जीत हासिल कर सकी थी. 2 पर भारतीय ट्राइबल पार्टी और शेष पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.

गौरव नहीं ये विकास यात्रा है
आदिवासी वोट बैंक पर नजर के साथ भाजपा की कोशिश है कि वह ज्याद से ज्यादा लोगों को गुजरात और देश में हो रहे विकास के बारे में बता सके. इसीलिए गुजरात भाजपा के नेता इसे विकास यात्रा का नाम दे रहे हैं, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, साबरमती रिवरफ्रंट ओर चौबीस घंटे बिजली देने के अलावा कई ऐसी विकास योजनाएं हैं जिनके बारे में यात्रा के दौरान बताया जाएगा. यात्रा में केंद्रीय मंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे और लोगों को बीजेपी सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे.