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कांग्रेसी PM को नहीं बोलना चाहते थे ‘चौकीदार चोर’, आजाद का दावा- राहुल ने बनाया दबाव

आजाद ने कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चलाए गए राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' अभियान ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को निराश किया था.
 
आजाद ने कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Mhara Hariyana News: कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक और बड़ा बयान दिया है. आजाद ने कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चलाए गए राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ अभियान ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को निराश किया था. आजाद ने बताया कि जब कांग्रेस पार्टी 2019 का चुनाव हारी थी तो तत्कालिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी मीटिंग में इस्तीफा दिया था और कहा था कि, वह सीनियर नेताओं के विरोध के चलते काम नहीं कर पा रहे हैं.

एक चैनल से बातचीत के दौरान आजाद ने यह बातें बताई हैं. उन्होंने कहा, राहुल ने गांधी ने ‘चौकीदार’ अभियान को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के सभी बड़ी नेताओ से कहा था. इस दौरान वहां पर वरिष्ठ नेता मौजूद थे, जिनमें मनमोहन सिंह, एके एंटनी, पी चिदंबरम और आजाद खुद मौजूद थे.

वरिष्ठ नेतओं को किया गया मजबूर
आजाद ने कहा, ‘राहुल गांधी ने सभी नेताओं से इसमें समर्थन देने को कहा था, मैं अपनी कुर्सी पर स्तब्ध बैठा हुआ था. बहुत सारे सीनियर और वरिष्ठ नेता वहां मौजूद थे जो कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव जैसे नेताओं के समय मुख्यमंत्री, मंत्री रहे हैं आप उनसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं ऐसी भाषा जनता के सामने बोलने की. अब किसी को व्यक्तिगत रूप से अटैक नहीं कर सकते हैं.’

विपक्षी नेताओं के सम्मान की मिली तालीम
आजाद ने इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘हमें अपनी राजनीति की शिक्षा इंदिरा गांधी से मिली है. जब मैं युवा नेता था, इंदिरा गांधी ने मुझे बुलाया और कहा कि हमें अटल बिहारी बाजपेयी से लगातार मिलते रहना चाहिए. यही है एक नेता और नेता में अंतर.’ उन्होंने कहा कि हमें विपक्ष के नेताओं को सम्मान देने की सीख मिली है. हमें कभी नहीं सिखाया गया कि हम जनता के सामने ‘पीएम चोर है’ जैसे नारे बोलें.