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भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा, ‘चिंतन’ शिविर में अफसरों से बोले गहलोत- गोलमोल जवाब ना दें

Corrupt officers will not be spared, Gehlot told the officers in 'Chintan' camp - do not give evasive answers
 
भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा, ‘चिंतन’ शिविर में अफसरों से बोले गहलोत- गोलमोल जवाब ना दें
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को सरकार के चिंतन शिविर के पहले दिन कहा कि हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का ही नतीजा है कि सरकार ने जन घोषणा पत्र में किए गए वादों में से 77 प्रतिशत पूरे हो चुके हैं और 19 प्रतिशत पर तेजी से काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 4 सालों में ‘जन सेवा ही कर्म, जन सेवा ही धर्म’ के सूत्र वाक्य के साथ एक जवाबदेह सुशासन को धरातल पर उतारने का काम किया है. मुख्यमंत्री सोमवार को जयपुर के हरिश्चंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान में राज्य सरकार के कामकाज की समीक्षा करने के लिए आयोजित चिंतन शिविर की अध्यक्षता कर रहे थे. सीएम ने कहा कि बीते चार सालों में 2722 बजट घोषणाओं में से करीब 2549 की वित्तीय स्वीकृतियां जारी हो चुकी हैं. वहीं अब तक 49 फीसदी बजट घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं और 37 प्रतिशत पर काम चल रहा है.


वहीं प्रदेश में भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ एसीबी का मामला दर्ज होने के बाद उस पर केस चलाने का फैसला करने के लिए हाईपावर कमेटी बनेगी जिसका फैसला चिंतन शिविर के पहले दिन लिया गया. जानकारी मिली है कि ये कमेटी ही एसीबी के मामलों में केस चलाने को मंजूरी देने या नहीं देने पर फैसला करेगी.

अफसरों पर चलेंगे भ्रष्टाचार के मुकदमे
वहीं चिंतन शिविर के पहले दिन सोमवार को यह फैसला लिया गया कि एसाीबी में ट्रैप हुए, भ्रष्टाचार या आय से ज्यादा संपत्ति के मामलों में केस चलाने की मंजूरी देने में अब विभागों की मनमानी खत्म की जाएगाी. मालूम हो कि वर्तमान में ऐसे करीब 610 मामले पेंडिंग हैं जिसमें विभाग के स्तर से अनुमति नहीं मिली है जिसके चलते केस चल नहीं पा रहा है.

सरकार ने कहा कि अब भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी देने और रिव्यू करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी जिसमें गृह विभाग के एसीएस या प्रमुख सचिव, कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव और संबंधित विभाग के वरिष्ठ अफसर होंगे.

बता दें कि एसीबी में भ्रष्टाचार के मामलों में 610 अफसर-कर्मचारियों के खिलाफ मंजूरी मिलने से केस अटके हुए हैं. वहीं सरकार के 51 विभागों में केस चलाने की मंजूरी अटकी हुई है जिनमें सबसे ज्यादा 110 मामले पंचायतीराज विभाग में और 107 मामले स्वायत शासन विभाग में हैं.

लापरवाह अफसरों को गहलोत की दो टूक
वहीं शिविर के दौरान लापरवाह अफसरों को सीएम अशोक गहलोत ने जबरदस्त फटकार लगाई और अपनी परफॉर्मेंस सुधारने की चेतावनी दी. इसके साथ ही मंत्रियों के प्रेजेंटेशन के दौरान भी सीएम ने खूब सवाल-जवाब किए. इस दौरान सीएम ने हर विभाग के प्रेजेंटेशन के दौरान बजट घोषणाओं और कांग्रेस के घोषणा पत्र में किए गए वादों पर हुए काम का रिव्यू किया. मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि पिछले चार साल में 2722 घोषणाएं पूरी की गई है.