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हिमाचल प्रदेश की इस विधानसभा सीट पर अभी तक नहीं खुल सका भाजपा का खाता

हरौली विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है
 
Himachal Pradesh
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Mhara Hariyana News

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो चुके हैं. चुनाव साल 2022 के अंत में होने हैं ऐसे में देखा जाए तो अब 3 महीने के करीब समय बचा है. वहीं भाजपा, कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी चुनावी मैदान में उतर कर पूरी ताकत से जुट चुकी है. भाजपा और कांग्रेस के बीच पिछले 4 दशकों से सत्ता परिवर्तन होता रहा है. जबकि आम आदमी पार्टी चुनाव में पहली बार कदम रख रही है. हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब में बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी को भरोसा है कि हिमाचल प्रदेश की जनता उन पर भरोसा करके चुनाव में सफलता दिलाएगी. आम आदमी पार्टी के द्वारा लगातार अपने दिल्ली मॉडल का प्रचार किया जा रहा है. वहीं कांग्रेस को यकीन है कि पिछले 4 दशकों से चले आ रहे मिथक के अनुसार साल 2022 में सत्ता उन्हें मिलेगी, हिमाचल के ऊना जिले के अंतर्गत आने वाली हरौली विधानसभा सीट पर पर 2017 में कांग्रेस के दिग्गज नेता मुकेश अग्निहोत्री ने जीत दर्ज की थी, ये ऐसी सीट है जिस पर जीत दर्ज करने के लिए भाजपा को इंतजार है.


हरौली विधानसभा का राजनीतिक समीकरण
हरौली विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. इस विधानसभा सीट पर अभी तक दो बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. पहली बार 2012 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मुकेश अग्निहोत्री ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने भाजपा के प्रोफेसर रामकुमार को 5172 मतों से हराया था. मुकेश अग्निहोत्री पत्रकार से राजनेता बने हैं. वहीं हरौली विधानसभा सीट पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. वहीं पिछले 5 साल में उन्होंने जनता के बीच रहकर जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर उन्होंने खूब काम किया इससे जनता ने भी 2017 के चुनाव में दोबारा उन पर भरोसा जताया. 2017 के विधानसभा चुनाव में मुकेश अग्निहोत्री ने दूसरी बार जीत दर्ज की . वहीं भाजपा के प्रोफेसर रामकुमार को 7377 मतों से हराया. मुकेश अग्निहोत्री अब 2022 में जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं भाजपा किसी भी तरह इस सीट पर जीत हासिल करना चाहती है.

हरौली विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण
हिमाचल प्रदेश की हरौली विधानसभा सीट ऊना जनपद के अंतर्गत आती है. इस विधानसभा सीट पर राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इस सीट पर कांग्रेस के दो बार के विधायक मुकेश अग्निहोत्री की मजबूत पकड़ बन चुकी है. वही आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो इस सीट पर 2022 में भी मुकेश अग्निहोत्री के जीत की संभावना भाजपा से ज्यादा है.