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‘असहमति खुले मन, खुले मंच से होना चाहिए…’ पायलट का गहलोत पर तंज

'Disagreement should be from an open mind, open platform...' Pilot's taunt on Gehlot
 
‘असहमति खुले मन, खुले मंच से होना चाहिए…’ पायलट का गहलोत पर तंज
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राजस्थान की राजधानी जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है. शुक्रवार को सचिन पायलट भी लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने पहुंचे. इस दौरान सचिन पायलट ने कहा इस तरह के आयोजन राजस्थान के लिए गर्व की बात है. यह फेस्टिवल विश्व प्रसिद्ध है. पायलट ने नेताओं की बयानबाजी पर कहा कि कुछ इशु कंट्रोवर्शियल भी होते हैं, लेकिन कभी-कभी इसकी जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि असहमति जताने का सभी को अधिकार है. हमें लोगों की असहमतियों को भी शालीनता से समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर मतभेद हों तो एक दूसरे को सुनना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमें ये समझने की जरूरत है कि अगर एक दूसरे से मतभेद हो तो बैठकर सोचना चाहिए. यही हमारे समाज की खूबसूरती है. उन्होंने कहा कि असहमति खुले मन और खुले मंच से होनी चाहिए. पायलट ने आगे कहा कि मुझे पिछले दिनों मौका मिला अलग-अलग में जाने का जहां पर हमने किसानों की बात उठाई, किसान देश की रीड की हड्डी हैं. उन्होंने कहा भारत सरकार ने तीन काले कानून बनाए थे, लेकिन फिर मजबूर होकर उनको वापस लेना पड़ा था.