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जम्मू-कश्मीर में सरकार का भारी निवेश का दावा झूठा, मोदी सरकार पर फिर भड़कीं महबूबा मुफ्ती

Government's claim of huge investment in Jammu and Kashmir is false, Mehbooba Mufti again angry at Modi government

 
जम्मू-कश्मीर में सरकार का भारी निवेश का दावा झूठा, मोदी सरकार पर फिर भड़कीं महबूबा मुफ्ती
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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को दावा किया कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में भारी निवेश होने का सरकार का दावा झूठा है. उन्होंने कहा, पिछले कई महीनों से, जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारी दावा कर रहे हैं कि कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है. आंकड़े बताते हैं कि 2021-2022 में प्रदेश में सिर्फ 376 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था, जो कि जम्मू-कश्मीर में जब पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार थी, उससे कहीं कम है.


महबूबा ने ट्विटर पर कहा, अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद जम्मू कश्मीर में भारी निवेश आने के भारत सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, संसद में उनकी ओर से पेश आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. वर्ष 2017-2018 में 840 करोड़ रुपए की तुलना में 2021-22 में 376 करोड़ रुपए आए. आप झूठ से बच नहीं सकते, सच हमेशा सामने आएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री पिछले पांच सालों में जम्मू-कश्मीर में साल वार निवेश पर सरकार के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं. केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष राज्य के दर्जे को रद्द कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था.

महबूबा मुफ्ती ने बताए संसद में पेश आंकड़े
महबूबा मुफ्ती ने कहा, संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में 840.55 करोड़ रुपए का निवेश किया गया. 2018-19 में 590.97 करोड़, 2019-20 में 296.64 करोड़ रुपये और 2020-21 में 412.74 करोड़ रुपए का निवेश किया गया जबकि चालू वर्ष में यह आंकड़ा 376.76 करोड़ रुपये था.

सरकार ने पहले कहा था कि जम्मू-कश्मीर में 10,000 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाएं चल रही हैं, जबकि 60,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर कार्रवाई की जा रही है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि आजादी के बाद से, जम्मू और कश्मीर को केवल, 14,000 करोड़ के निजी निवेश प्राप्त हुए थे, हालांकि, नई औद्योगिक विकास योजना की शुरुआत के बाद, प्रदेश को लगभग एक साल के समय में 56,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.”