logo

Gujarat Election : पिछले चुनाव से सबक लेकर क्या इस बार नया रिकॉर्ड बना पाएगी भाजपा

Gujarat Election: Will BJP be able to make a new record this time by taking lessons from the last election?
 
Gujarat Election: Will BJP be able to make a new record this time by taking lessons from the last election?
WhatsApp Group Join Now

Mhara Hariyana News

2002 के बाद से हर विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटों का ग्राफ घटता गया. 2017 में पहली बार भाजपा 100 के आंकड़ें से नीचे पहुंच गई, इस चुनाव में भाजपा को 99 सीटें मिली थीं.
 

गुजरात में पिछले 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा ने इस बार चुनाव में 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, पिछले चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन देखें तो ये लक्ष्य पाना भाजपा के मुश्किल लग रहा है, हालांकि ये पार्टी और नेताओं की मशक्कत के ऊपर है कि वे पिछले चुनाव से सबक लेकर इस बार नया रिकॉर्ड बना पाएंगे या पिछली बार के मुकाबले और खराब स्थिति में पहुंचेंगे.


2002 में आईं थींं सबसे ज्यादा सीटें
गुजरात में केशुभाई पटेल सरकार 1995 में बनी थी, उस चुनाव में 182 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 121 में जीत मिली थी, इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में यदि 2002 को छोड़ दिया जाए तो भाजपा की सीटें लगातार घटती गई हैं, साल 2002 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने 127 सीटें जीतकर रिकॉर्ड कायम किया था, यह भाजपा की सबसे बड़ी जीत थी.

गिरता गया सीटों का ग्राफ
2002 के बाद से हर विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटों का ग्राफ घटता गया. 2017 में पहली बार भाजपा 100 के आंकड़ें से नीचे पहुंच गई, इस चुनाव में भाजपा को 99 सीटें मिली थीं, हालांकि बहुमत भाजपा के पास था, इससे पहले 2007 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 117 और 2012 के चुुुुनाव में 116 सीट मिली थीं, लेकिन इस बार भाजपा किसी भी तरह की कोताही बरतने के मूड में नहीं हैं, इसीलिए पहले ही इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि कैसे आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की सीटों की संख्या बढ़ाई जाए.

2001 से गुजरात में शुरू हुआ था मोदी का दौर
गुजरात में नरेंद्र मोदी पहली बार 2001 में मुख्यमंत्री बने थे. 1998 में विधानसभा चुनाव के बाद केशुभाई पटेल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन वह अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सके. केशुभाई पटेल के दूसरे कार्यकाल में गुजरात के भुज में विनाशकारी भूकंप आया था, इसी दौरान हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. इस वजह से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में केशुभाई पटेल से इस्तीफा ले लिया और नरेंद्र मोदी के हाथ में गुजरात की कमान सौंप दी. यहीं से गुजरात में मोदी युग की शुरुआत हुई. गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी ने पाटीदार समुदाय को पूरी तरीके से भाजपा के साथ कर लिया. जिसका नतीजा यह रहा की भाजपा गुजरात में सत्ता में बनी रही.