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देश को अंधेरे में रखा, मोदी कब दिखाएंगे लाल आंख…चीन से झड़प के बाद विपक्ष हमलावर

Kept the country in the dark, when will Modi show red eye… Opposition attackers after clash with China
 
देश को अंधेरे में रखा, मोदी कब दिखाएंगे लाल आंख…चीन से झड़प के बाद विपक्ष हमलावर
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भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास 9 दिसंबर और 11 दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए. घटना की जानकारी सार्वजनिक किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया. सेना ने तीन दिनों बाद झड़प की जानकारी दी, जिसपर असदुद्दीन ओवौसी ने कहा कि सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. उन्होंने पूछा कि आखिर संसद सत्र के दौरान सरकार ने यह जानकारी क्यों नहीं दी? इनके अलावा कई विपक्षी नेताओं ने इसपर सवाल उठाए हैं.


इससे पहले जून 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस मामले की जानकारी भी सेना ने घटना के कई दिनों बाद दिया था. असदुद्दीन ओवैसी ने घटना पर कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. जब संसद का सत्र चल रहा था तब संसद को क्यों नहीं बताया गया?’

संसद में सरकार ने झड़प की जानकारी क्यों नहीं दी?
ओवैसी ने कहा, ‘घटना का ब्योरा अधूरा है. झड़प की वजह क्या थी? गोलियां चली थीं या गलवान जैसा था? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी हालत क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है?’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी झड़प को लेकर ट्विटर पर कहा, ‘हमारे जवान देश की शान हैं. उनके शौर्य को मैं सलाम करता हूँ और ईश्वर से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ.’


प्रधानमंत्री चीन को कब दिखाएंगे आंख?
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जवानों के जज्बे को सलाम करता हूं. सरकार कर क्या रही है. प्रधानमंत्री चीन को लाल आंख कब दिखाएंगे. Y JUNCTION तक चीन का जो कब्जा है वो कब्जा अभी तक छोड़ा नहीं गया है. चीनी लोग ने कब्जा कर रखा है. डोकलाम में भी चीन ने दोबारा कब्जा कर लिया है. चीन ने सड़कें बना ली हैं. लद्दाख में हमारे बॉर्डर पर शेल्टर बना लिए हैं. रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री कुछ क्यों नहीं बोलते. संसद के अंदर और बाहर भी प्रधानमंत्री को जवाब देना होगा. अब तो चीन ने मोदी जी से बात करने से भी मना कर दिया है.

सवालों उठाने वाले पर फिर लगेगा एंटी नेशनल का टैग
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अब फिर इसपर सवाल पूछने वालों को एंटी नेशनल का टैग लगाया जाएगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘चीन के जमीन हड़पने का एक और दिन और भारत सरकार अपने चुनावी एजेंडे में व्यस्त: (ए) लाल आंख, (बी) इस चिंता को उठाने वाले सभी लोगों को एंटी नेशनल टैग, (ग) मूंह तोड़ जवाब मिलेगा.’ उन्होंने जवानों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा, ‘आश्चर्य है, सरकार सूत्रों के बजाय आधिकारिक रूप से उनका बयान/निंदा जारी क्यों नहीं कर रही है?’


सैन्य सूत्रों से मीडिया में आई झड़प की खबर
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि भारत-चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर सैनिकों के बीच झड़प हुई. सैन्य सूत्र ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर मुकाबला किया. एक सूत्र ने कहा, पीएलए के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर 9 दिसंबर को झड़प हुई. बाद में खबर आई कि एक झड़प 11 दिसंबर को भी हुई थी. सूत्रों ने कहा कि हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता के साथ सामना किया.

इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए. सूत्र ने कहा, हमारे कमांडर ने तवांग सेक्टर में एलएसी पर झड़प के बाद शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ फ्लैग बैठक की. सूत्र ने कहा, अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से सटे अपने दावे वाले कुछ क्षेत्रों में दोनों पक्ष गश्त करते हैं. यह सिलसिला 2006 से जारी है.