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ऑपरेशन लोटस फेल, हेमंत सोरेन ने विश्वास मत जीता, बोले- लोकतंत्र बचाने के लिए किया सत्र

हेमेंत सोरेन सरकार ने आज झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. सदन में सोरेन सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया था और 48 वोटों के साथ जीत दर्ज की.
 
हेमेंत सोरेन सरकार
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Mhara Hariyana News: 

झारखंड में सियासी घमासान के बीच विधानसभा का विशेष सत्र का आयोजन किया गया. विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव जीत लिया है. सोरेन के पक्ष में 48 विधायकों ने वोट किया. इस मौके पर सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमने यह सत्र बुलाया. वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने झारखंड विधानसभा में वोटिंग से पहले वाकआउट किया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्य विधानसभा में बीजेपी पर आरोप लगाया.


सोरेन ने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए दंगे भड़का कर देश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करने की कोशिश कर रही है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा झारखंड के विधायकों की खरीद फरोख्त करने की कोशिश कर रहे हैं. सोरेन ने विधानसभा में आगे कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं वहां वह लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने के प्रयास कर रही है.

सदन के बाहर और अंदर, दोनों जगह दिखा रहे ताकत
मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर कहा- हम सदन के बाहर भी अपनी ताकत दिखा रहे हैं. सदन के अंदर भी ताकत दिखा रहे है. इससे पहले रायपुर से आए सभी यूपीए विधायकों को विशेष बस में सर्किट हाउस से लेकर विधानसभा लाया गया था. सभी विधायकों को विधानसभा में अंदर लाया गयै, जिस गेट से मुख्यमंत्री खुद जाते हैं. दरअसल विधानसभा में दो गेट है एक गेट से मुख्यमंत्री दूसरे गेट से आम विधायक जाते हैं लेकिन आज यूपीए के सभी विधायकों को उस गेट से ले जाया गया, जहां से मुख्यमंत्री जाते हैं. विश्वास प्रस्ताव लाने के चलते सभी विधायकों को मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे.


विशेष सत्र आहूत करना समझ से परे: मरांडी
लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद, निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्यपाल रमेश बैस को अपने फैसले से अवगत कराया, जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया. हालांकि निर्वाचन आयोग के फैसले को अभी तक घोषित नहीं किया गया है, लेकिन चर्चा है कि आयोग ने विधायक के रूप में सोरेन की अयोग्यता की सिफारिश की थी. इसके बाद राजनीतिक उथल-पुथल का दौर शुरू हुआ और हेमंत सोरेन ने आज 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया. वहीं सत्र से पहले रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विश्वास मत हासिल करने के लिए विशेष सत्र आहूत करना समझ से परे है.

सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं: मंराडी
मरांडी ने मीडिया से कहा, सामान्य तौर पर, राज्य सरकार तब विश्वास प्रस्ताव पेश करती है जब राज्यपाल या अदालत ऐसा आदेश देती है. लेकिन झारखंड में ऐसा नहीं है. यह स्पष्ट है कि सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा, पार्टी लाभ के पद के मुद्दे पर सोरेन का इस्तीफा मांगेगी.